राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) ने शनिवार को अपने 25वें भारत रंग महोत्सव की घोषणा की। प्रेस वार्ता के दौरान निदेशक चितरंजन त्रिपाठी ने जानकारी दी कि देश के 15 शहरों में 150 से अधिक नाटक प्रस्तुतियां होंगी। साथ ही, एनएसडी के डीन ने बताया कि इस दौरान कार्यशालाएं, चर्चाएं और मास्टरक्लास इत्यादि का भी आयोजन होगा। इसके अलावा, भारत रंग महोत्सव की स्थापना की 25वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। महोत्सव का आयोजन 1 फरवरी से 21 फरवरी के बीच होगा।
निदेशक ने बताया कि इस वर्ष आयोजन की थीम ”वसुधैव कुटुंबकम, वंदे भारंगम” रहेगी। चूंकि इसमें विदेशी कलाकार भी हिस्सा लेंगे, यह उत्सव वैश्विक एकता को बढ़ावा देगा। महोत्सव का उद्घाटन महाराष्ट्र के राज्यपाल और एनएसडी के अध्यक्ष परेश रावल बृहस्पतिवार को मुंबई स्थित नेशनल सेंटर फॉर द परफॉर्मिंग आर्ट्स (एनसीपीए) में करेंगे। इस दौरान मशहूर अभिनेता व एनएसडी के पूर्व छात्र आशुतोष राणा अपने भव्य नाटक ”हमारे राम” के साथ महोत्सव की शुरुआत करेंगे। इसी क्रम में यह उत्सव पुणे, भुज, विजयवाड़ा, जोधपुर, डिब्रूगढ़, भुवनेश्वर, पटना, रामनगर, श्रीनगर, वाराणसी, बेंगलूरू, गेंगटोक, अगरतला के साथ दिल्ली में दिखाया जाएगा। 21 फरवरी को अंतिम प्रस्तुति के साथ इसका समापन राजधानी में होगा।
क्षेत्रीय भाषाओं से लेकर अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में प्रस्तुतियां
निदेशक त्रिपाठी ने जानकारी दी कि महोत्सव के लिए नाटकों के 892 ऑनलाइन आवेदन आए थे। इनमें क्षेत्रीय भाषाओं व अंतरराष्ट्रीय आवेदन शामिल थे। महोत्सव के लिए 3 असमियां, 16 बंगाली, 25 हिंदी, 2 मणिपुरी, 2 मराठी, 2 मलयालम, 1 रशियन नाटक समेत अन्य दूसरे नाटकों का चयन किया गया हैं। भारत रंग महोत्सव के दौरान कुल 108 नाटकों के अलावा नुक्कड़-नाटक समेत कई अन्य दूसरे नाटकीय रूपों का लुत्फ उठाया जा सकेगा।
एनएसडी के कलाकारों ने गाया रंग-गान
इससे पहले शनिवार को एनएसडी के छात्रों ने रंग-गान की प्रस्तुति दी। यह गीत एनएसडी के पूर्व छात्र व मशहूर अभिनेता स्वानंद किरकिरे ने भारत रंग महोत्सव के लिए लिखा है। इसके बाद एनएसडी सोसाइटी के अध्यक्ष परेश रावल, भारत रंग महोत्सव के रंगदूत पंकज त्रिपाठी, एनएसडी निदेशक चितरंजन त्रिपाठी, वाणी त्रिपाठी, एनएसडी के कुल सचिव इत्यादि ने अपने बात रखी।
प्रस्तुतियों के बीच लगेगा रंग-हाट
निदेशक चितरंजन त्रिपाठी ने बताया कि भारत रंग महोत्सव में ‘रंग हाट’ भी लगेगा। इसका मकसद थिएटर कलाकारों, प्रोग्रामरों, संरक्षकों और समर्थकों को एकजुट करना होगा, जो छिपी हुई प्रतिभा आगे लेकर आएंगे। इसमें रंगमंच को लेकर चल रही अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं के बारे में भी बताया जाएगा। साथ ही, निर्देशकों व रंगकर्मियों से मुलाकात कराई जाएगी। आयोजकों का अनुमान है कि इससे रंग-प्रेमियों व थियेटर कलाकारों को व्यापक दर्शकों के संपर्क में आने का मौका भी मिलेगा और वैश्विक थिएटर परिदृश्य में गतिशीलता मिलेगी।