दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (Delhi Subordinate Services Selection Board, DSSSB) के तहत बड़े पैमाने पर खाली पदों को भरा जाएगा। डीएसएसएसबी के जरिए दिल्ली सरकार के शिक्षा और स्वास्थ्य विभागों में 30 हजार से ज्यादा खाली पदों को भरने की कवायद के साथ ही दिल्ली उच्च न्यायालय के गैर-न्यायिक अधीनस्थ कर्मचारियों की भर्ती का रास्ता भी साफ हो गया है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पहली बार डीएसएसएसबी को दिल्ली उच्च न्यायालय के लिए गैर-न्यायिक अधीनस्थ कर्मचारियों के समूह ‘बी’ और ‘सी’ की भर्ती के लिए अधिकृत किया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने केवल दिल्ली सरकार और उसके उपक्रमों, दिल्ली नगर निगम, नई दिल्ली नगर परिषद के लिए भर्ती करने के लिए डीएसएसएसबी को प्रतिबंधित करने वाली बाधाओं को दूर कर दिया है। दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का मानना था कि एक पेशेवर सरकारी भर्ती निकाय होने के नाते डीएसएसएसबी कुछ पदों के लिए अदालत की ओर से खुली परीक्षा आयोजित कर सकता है। अदालत के जिन नए पदों के लिए DSSSB भर्ती परीक्षा का आयोजन करने वाला है, उनमें निजी सचिव, कोर्ट मास्टर, प्रशासनिक अधिकारी, वरिष्ठ न्यायिक सहायक, निजी सहायक शामिल हैं।
सूत्रों ने बताया कि ऐसे पदों पर चयन के लिए परीक्षा बाहरी एजेंसियों द्वारा आयोजित कराई जाती रही है। उक्त पदों के लिए भर्ती के विभिन्न तरीकों को आजमाया जाता है। एलजी की पहलकदमी के बाद साफ हो गया है कि डीएसएसएसबी सिस्टम एनालिस्ट और प्रोग्रामर के तकनीकी पदों पर भी उम्मीदवारों की भर्ती करेगा। डीएसएसएसबी अब तक दिल्ली सरकार और उसके उपक्रमों, एमसीडी, एनडीएमसी के लिए समूह ‘बी’ (अराजपत्रित) और समूह ‘सी’ श्रेणियों में कर्मियों की भर्ती करता रहा है। डीएसएसएसबी अब इसी तरह दिल्ली उच्च न्यायालय के लिए इन श्रेणियों से संबंधित कर्मियों की भर्ती करेगा।
हाल ही में डीएसएसएसबी सूत्रों ने साल 2013 से खाली पड़े दिल्ली सरकार के शिक्षा और स्वास्थ्य विभागों में 30 हजार से ज्यादा खली पदों को भरने में तेजी आने की उम्मीद जताई थी। सूत्रों ने बताया था कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अधिकारियों को डीएसएसएसबी में विभिन्न श्रेणियों के 117 अतिरिक्त पदों को तुरंत भरने का निर्देश दिया था जिसके बाद दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड पूरी तरह से शिक्षकों, शारीरिक प्रशिक्षण प्रशिक्षकों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ और तकनीशियनों समेत हजारों पदों को भरने के लिए पूरी क्षमता से काम करने में सक्षम हो जाएगा।