दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वालों को मालिकाना हक मिलेगा, संपत्तियों के सर्किल रेट में बदलाव किया जाएगा। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को सचिवालय में टास्क फोर्स की बैठक में ये एलान किया है। दिल्ली सरकार ने अनधिकृत कॉलोनियों के विकास के साथ व्यापार करने के तौर तरीकों को बेहद सरल बनाने का लक्ष्य रखा है।
मुख्यमंत्री ने अनधिकृत कॉलोनियों में विकास तेज करने और वहां रहने वालों को मालिकाना हक देने के लिए डीडीए और शहरी विकास विभाग को इस पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है। साथ ही, सर्किल रेट में अनियमितताओं को दूर करने के लिए डिविजनल कमिश्नर की अगुवाई में एक समिति बनाने के निर्देश दिये हैं, जो बाजार के हिसाब से नई दरें तय करेगी। इस बैठक में दिल्ली के कैबिनेट मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, डीडीए, एमसीडी, डीएमआरसी और उद्योग प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इसमें अनधिकृत कॉलोनियों, सर्किल रेट, व्यापार सुगमता और ग्रीन बिल्डिंग नीति जैसे मुद्दों पर गहन चर्चा हुई।
व्यावसायिक-रिहायशी भूखंड जोड़ने पर कम होगा शुल्क
मुख्यमंत्री ने दिल्ली में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए टास्क फोर्स को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिये हैं। इसमें सिंगल विंडो क्लीयरेंस, समयबद्ध प्रोजेक्ट मंजूरी और मानकीकृत नियम लागू करने जैसे सुझावों पर चर्चा हुई। व्यावसायिक और रिहायशी भूखंडों को जोड़ने के लिए सरकारी शुल्क को कम करने पर भी सहमति बनी है। इससे उद्यमियों, व्यवसायियों और स्टार्टअप के लिए भूखंड जोड़ना सस्ता और निर्माण करना आसान होगा। व्यापार और आवासीय प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा मिलेगा। दिल्ली में विकास की गति तेज होगी।
रिहायशी इलाकों में भी लागू होगी ग्रीन बिल्डिंग नीति
इस बैठक में पर्यावरण को प्राथमिकता देते हुए ग्रीन बिल्डिंग नीति को रिहायशी इलाकों तक विस्तार देने का फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री ने टास्क फोर्स को इस नीति को और प्रभावी बनाने के लिए प्रस्ताव तैयार करने को कहा है। इसके अलावा, स्लम पुनर्विकास के लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप को बढ़ावा देने, संपत्ति कर को तर्कसंगत बनाने और डीएमआरसी की जमीन का बेहतर उपयोग करने जैसे विषयों पर भी गंभीरता से चर्चा हुई है।
पारदर्शी और तेजी से काम करे टास्क फोर्स- सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा है कि दिल्ली को वैश्विक और हरित राजधानी बनाने के लिए टास्क फोर्स को पारदर्शी और तेजी से काम करने की जरूरत है। सिंगल विंडो सिस्टम और ऑटोमेशन से व्यापार और निर्माण आसान होगा। दिल्ली में व्यापार करना और अधिक सहज, तेज और निवेश के अनुकूल होगा।