देशभर में इस समय दशहरे की धूम मची हुई है। यह पावन पर्व बुराई पर अच्छाई के जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। मान्यता अनुसार त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने लंका नरेश रावण का वध इसी दिन किया जाता है। दशहरा का पर्व अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक माना जाता है। भगवान राम ने रावण का वध दशहरा के दिन ही किया था।
दशहरा के त्योहार को शस्त्र पूजा के रूप में भी मनाया जाता है। क्षत्रिय समाज इस दिन अपने शस्त्रों की पूजा करते हैं जिसे आयुध पूजा के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन शमी पूजन भी करते हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में दशहरा को कृषि उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है।
ब्राह्मण समाज इस दिन देवी सरस्वती की पूजा करते हैं। वैश्य समाज अपने बहीखाते की आराधना करते हैं। नवरात्रि रामलीला का समापन भी दशहरे के दिन होता है।