ब्रिस्बेन में भारतीय टीम अपने नियमित गेंदबाजों के बगैर उतरी, लेकिन बावजूद इसके मोहम्मद सिराज एंड कंपनी ने इसकी कमी महसूस नहीं होने दी। गाबा में दूसरी पारी में पांच ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों का शिकार कर सिराज ने अपना नाम खास क्लब में शामिल किया। ऑस्ट्रेलिया को 294 रन पर समेटने वाले सिराज के लिए यह सफर इतना आसान नहीं था।
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बुमराह की गैरमौजूदगी में सिराज को उनके तीसरे ही टेस्ट में टीम इंडिया का प्रमुख गेंदबाज बनाया गया। उन्होंने भी इसे स्वीकारा और शानदार प्रदर्शन कर टीम की उम्मीदों पर खरे उतरे। उन्होंने पहली पारी में जहां डेविड वार्नर को एक रन के स्कोर पर पवेलियन भेजा तो वहीं दूसरी पारी में वह और घातक हो गए और स्टीव स्मिथ, मार्नस लाबुशेन समेत कुल पांच ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों का शिकार किया। इसके साथ ही उन्होंने खास उपलब्धि भी हासिल कर ली।
सिराज अब ब्रिस्बेन में एक पारी में सबसे बढ़िया गेंदबाजी करने वाले भारतीय गेंदबाजों की सूची में चौथे स्थान पर पहुंच गए हैं। वह यहां जहीर खान से बेहतर निकले क्योंकि सिराज ने 73 रन देकर पांच विकेट झटके जबकि जहीर ने 2003 में 95 रन देकर यह उपलब्धि हासिल की थी।
वैसे टीम इंडिया के इस युवा तेज गेंदबाज ने अपने ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान पिछले कुछ महीनों में हर तरह के उतार-चढ़ाव देख लिए। इस दौरान उनपर दुःखों का पहाड़ भी टूटा और उनके सपने भी पूरे हुए। पिता को खोने, ऑस्ट्रेलिया में नस्लभेदी टिप्पणियां का सामना करने से लेकर टीम इंडिया के प्रमुख गेंदबाज बनकर पांच विकेट चटकाने वाले सिराज के लिए सब कुछ इतना फटाफट हुआ कि वह इस बारे में शायद अच्छे से बैठकर सोच भी नहीं पा रहे हों।
सिराज को आईपीएल 2020 में शानदार प्रदर्शन के इनाम के तौर पर ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए शामिल किया गया। यहां क्वारंटीन रहने के दौरान उन्होंने अपने पिता को खो दिया। यही नहीं वह अपने पिता के अंतिम यात्रा में भी शामिल नहीं हो पाए। हालांकि उन्हें बीसीसीआई ने घर लौटने की छूट दी लेकिन उन्होंने अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए वापस लौटने से इनकार कर दिया। इसके बाद यहां से उनकी जिंदगी की रोलर कोस्टर राइड भी शुरू हो गई।
मेलबर्न टेस्ट से पहले टीम के प्रमुख गेंदबाज मोहम्मद शमी चोटिल होकर सीरीज से बाहर हो गए, उनकी जगह पर सिराज को डेब्यू करने का मौका मिला। इसका उन्होंने फायदा भी उठाया और पहले ही मैच में कुल पांच विकेट लेने में सफल रहे।