दक्षिण चीन सागर के एक द्वीप को लेकर फिलीपींस और चीन के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। इस द्वीप पर फिलहाल फिलीपींस का कब्जा है। उसने चीन से कहा है कि वह इस द्वीप के पास से अपने जहाज और मछली पकड़ने का नाव हटा ले। दूसरी तरफ चीनी सेना ने अपनी संप्रभुता का दावा करते हुए कहा है कि वह इस क्षेत्र की रक्षा करेगा। एशिया के दो पड़ोसियों के बीच यह विवाद थिटु द्वीप को लेकर है।
रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जल क्षेत्र में दोनों देशों के बीच इसको लेकर दो महीने से तनाव बढ़ गया है। मनीला में विदेश विभाग ने कहा कि उसने चीन की लंबे समय तक उपस्थिति और मछली मारने के नावों की अवैध गतिविधियों के खिलाफ राजनयिक विरोध दर्ज कराया है। उसने कहा कि चीन को द्वीप के पास से अपना जहाज वापस बुला लेना चाहिए, जो फिलीपींस का आंतरिक हिस्सा है।
मालूम हो कि हाल ही में फिलीपींस ने दक्षिण चीन सागर में उन विवादित द्वीपों के नजदीक सैन्य अभ्यास किया था। फिलीपींस ने अपने कोस्ट गार्ड (पीसीजी), ब्यूरो ऑफ फिशरीज और इससे जुड़े संगठनों के समुद्री सैन्य के लिए यहां आठ जहाज तैनात कर दिए थे। यह सैन्य अभ्यास बाजो डी मासिनलोक और पैग आसा द्वीप के निकट हो रहा था। फिलीपींस के इस कदम से चीन तिलिमिला गया था।
यही नहीं बीते दिनों हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से आने-जाने की नीति पर चलते हुए अमेरिकी नौसेना के युद्धपोत ने ताइवान की जल-संधि में दाखिल हुआ था। अमेरिकी नौसेना के इस कदम से भड़के चीन ने कहा है कि अमेरिका उकसाने वाली कार्रवाई कर रहा है। ताइवान जल-संधि चीन और ताइवान को अलग करने वाला 180 किलोमीटर का जल क्षेत्र है, जिसको चीन अपनी मुख्य भूमि का हिस्सा बताता है।