त्योहारी सीजन में शेयर बाजार ने रचा नया रिकॉर्ड

त्योहारी सीजन में शेयर बाजार में निवेश करने वालों की बल्ले-बल्ले हो गई है। अक्तूबर में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर सूचीबद्ध कंपनियों की पूंजी 19 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई है। इस दौरान बीएसई सेंसेक्स में 3,671 अंकों का उछाल रहा। साथ ही, विदेशी निवेशकों ने इस दौरान 14,610 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। स्टॉक एक्सचेंज और डिपॉजिटरीज के आंकड़ों के मुताबिक, 30 सितंबर को बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों की पूंजी 451.44 लाख करोड़ रुपये थी, जो 31 अक्तूबर को बढ़कर 470 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गई। एक अक्तूबर को यह 455.34 लाख करोड़ रुपये और एक जनवरी को 444.43 लाख करोड़ रुपये थी। 29 अगस्त को 443.65 लाख करोड़ रुपये थी। यानी इस साल जनवरी से लेकर अगस्त तक बाजार पूंजी स्थिर रही।

सितंबर और अक्तूबर में पूंजी में तेजी का एक प्रमुख कारण नई कंपनियों की लिस्टिंग रही है। साथ ही, विदेशी निवेशकों ने भी वापसी की है। अक्तूबर में कुल 17 कंपनियों के शेयर सूचीबद्ध हुए। इनकी कुल पूंजी 31 अक्तूबर तक 3.20 लाख करोड़ रुपये रही। इनमें से अकेले टाटा कैपिटल और एलजी इंडिया की पूंजी 2.52 लाख करोड़ रुपये रही। टाटा कैपिटल का पूंजीकरण 1.39 लाख करोड़ और एलजी का 1.13 लाख करोड़ रहा। तीसरे स्थान पर जैन रिसोर्स रही। इसकी पूंजी 13,251 करोड़ रुपये रही।

त्योहारी खरीदारी का बाजार पर असर

बीएसई सेंसेक्स इस महीने 3,671 अंक उछलकर 84,000 के करीब बंद हुआ। हालांकि, यह इस हफ्ते की शुरुआत में 85,000 के करीब पहुंच गया था। 30 सितंबर को यह 80,267 पर बंद हुआ था। एक अगस्त को 80,599 पर और जनवरी में 78,507 पर बंद हुआ था। जनवरी की तुलना में सेंसेक्स में 5,000 अंकों से ज्यादा की तेजी आई है।

विश्लेषकों का कहना है…

त्योहारी सीजन में खरीदी और बेहतर कारोबार का असर बाजार पर आगे भी दिखेगा। विदेशी निवेशकों की लंबे समय बाद वापसी हुई है। तीन महीने में नई कंपनियों की लिस्टिंग भी हुई है। ऐसे में आने वाले समय में भी बाजार में तेजी रहेगी। जिस तरह से आईपीओ बाजार गुलजार है, उससे पूंजी में इस महीने और अगले महीने अच्छी खासी वृद्धि की संभावना है।

बिकवाली से सेंसेक्स 466 अंक टूटा

निजी बैंकों और धातु कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से शुक्रवार को घरेलू बाजारों में लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में गिरावट रही। वैश्विक बाजारों में कमजोरी के बीच सेंसेक्स 466 अंक गिर गया। निफ्टी में 156 अंक की गिरावट रही। विश्लेषकों ने कहा, बिकवाली के अलावा कंपनियों के मिलेजुले नतीजे और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों पर अस्पष्टता ने भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया। सेंसेक्स 465.75 अंक टूटकर 83,938.71 पर बंद हुआ। दिन में एक समय यह 498.8 अंक तक गिर गया था। निफ्टी 155.75 अंक की गिरावट के साथ 25,722.10 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स की 30 में से 25 कंपनियों के शेयर गिरावट में रहे। इटरनल सर्वाधिक 3.52 फीसदी नुकसान में बंद हुआ। पांच शेयरों में 3.95 फीसदी तक तेजी रही।

सूचीबद्ध कंपनियों की पूंजी 2.10 लाख करोड़ घटकर 470.26 लाख करोड़ रुपये रह गई।

विदेशी निवेशकों की चार महीने बाद वापसी

विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार में चार महीने बाद वापसी करते हुए अक्तूबर में 14,610 करोड़ के शेयर खरीदे हैं। इससे पहले सितंबर में निवेशकों ने 23,885 करोड़, अगस्त में 34,993 करोड़ और जनवरी में 78,027 करोड़ की भारी बिकवाली की थी। अक्तूबर से पहले जून में 14,590 करोड़ का निवेश किया था।

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