त्योहारी सीजन में खाद्य पदार्थों की मिलावट बढ़ जाती है। खासकर दिवाली के मौके पर मिठाइयों में। मिलावटी मिठाई, दूध, मावा या अन्य खाद्य पदार्थ आपकी सेहत को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं। एफएसडीए कार्रवाई कर रहा है, लेकिन उसकी रिपोर्ट आने में महीनों लग जाते हैं। ऐसे में या तो घर पर ही मिलावट की पहचान कर लें, या फिर अपने भरोसेमंद दुकानदार से ही खाद्य पदार्थ खरीदें।
जांचें मावे की मिलावट
शुद्ध मावा कठोर होता है। मावा में आयोडीन सॉल्यूशन डालें, अगर मावे में मिलावट होगी तो उसका रंग बैंगनी हो जाएगा। आयोडीन सॉल्यूशन केमिस्ट के यहां मिल जाता है।
करें मिलावटी मिठाई की पहचान
मिठाई को गर्म पानी में डालें, इसके बाद आयोडीन को मिठाई वाले कटोरे में डाल दें। अगर मिठाई घुलकर रंग बदलती है तो मिठाई मिलावटी है। अगर रंग पहले जैसा रहता है तो मिठाई ठीक है।
जांचें दूध-दही में मिलावट
दूध में पानी-दूध की एक बूंद को चिकने या चमकदार तिरछी सतह पर डालने से शुद्ध दूध की बूंद धीरे-धीरे आगे बढ़कर पीछे एक सफेद निशान छोड़कर बहती है, जबकि पानी मिला दूध तेजी से बिना निशान छोड़े बहेगा।
दूध में स्टार्च
टिंक्चर आयोडीन की कुछ बूंदें मिलाने पर स्टार्च युक्त दूध में नीला रंग आ जाता है। टिंक्चर आयोडीन दवा दुकान से आसानी से मिल जाती है।
दूध में यूरिया
दूध में यूरिया की जांच के लिए एक परखनली में थोड़ा दूध लेकर उसमें आधा चम्मच सोयाबीन या अरहर पाउडर मिलाकर हिलाएं, फिर इसे पांच मिनट के लिए रख दें, इसके बाद इसमें एक लाल लिटमस पेपर डुबाने पर पेपर का रंग लाल से नीला हो जाए तो दूध में यूरिया की मिलावट मानी जाती है। लाल लिटमस पेपर स्टेशनरी की दुकान से मिल जाता है।
दूध में वनस्पति
तीन से पांच मिली लीटर दूध एक परखनली में लेकर उसमें दस बूंद हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं एक चम्मच चीनी मिलाने पर पांच मिनट बाद लाल रंग दिखाई देने लगे तो दूध में वनस्पति की मिलावट होती है।
दही की ऐसे करें जांच
दही में मिलावट हो तो एक चम्मच दही परखनली में लेकर 10 बूंद हाड्रोक्लोरिक अम्ल डालकर हिलाएं, अगर इसका रंग लाल हो जाता है तो दही में वनस्पति की मिलावट होती है।
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल- एक प्रमुख अकार्बनिक अमल है। हाइड्रोजन क्लोराइड गैस के जलीय विलयन को ही हाइड्रोक्लोरिक अमल कहते हैं। यह केमिस्ट के यहां मिल जाता है।
सावधान रहें, सुरक्षित रहें
एफएसडीए की अभिहित अधिकारी दीपक सिंह ने बताया कि मिलावट करने वालों के खिलाफ अभियान चल रहा है। लोग भी खाद्य सामग्री खरीदते समय सावधान रहें। ज़रूरी हो तो उसे परख लें, उसके बाद ही सेवन करें।