…तो इसलिए खुद प्रधानमंत्री बनना चाह रहे हैं अरविंद केजरीवाल

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok sabha elections 2019) को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने हिसाब दावेदारी पेश कर रही हैं. हालांकि बीजेपी को छोड़कर किसी भी दल ने अब तक खुलकर प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश नहीं की है. इसी बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को अपने चुनावी भाषण में प्रधानमंत्री पद के लिए खुद की दावेदारी पेश करते दिखे.

आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि उनकी पार्टियों ने राष्ट्रीय राजधानी के लिए कुछ नहीं किया और उन्हें बतौर प्रधानमंत्री चुनने पर दिल्ली के लोगों को कुछ नहीं मिलेगा. ओखला में एक रैली को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने मोदी पर विभिन्न समुदायों को एक दूसरे के खिलाफ खड़ा करने का आरोप लगाया और लोगों से उसे वापस लाने की गलती न करने का आग्रह किया. 

राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मोदी ने हमारे समाज में सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट कर दिया. उन्होंने लोगों के दिमाग में विष भर दिया. उन्हें वापस लाने की गलती न करें.’ 

उन्होंने कहा, ‘हमें दिल्ली पुलिस को संभालने के लिए दें और आप (प्रधानमंत्री) पाकिस्तान का ख्याल रखें. आप पाकिस्तान को नहीं संभाल पा रहे हैं, आपसे कैसे उम्मीद की जा सकती है कि आप दिल्ली पुलिस को संभाल सकते हैं?’ 

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के लोग बतौर आयकर 1.5 करोड़ रूपये देते हैं और उन्हें केंद्र से महज 325 करोड़ रूपये मिलते हैं. 

‘पूर्ण राज्य बनने पर दिल्ली के छात्रों को देंगे 85 फीसदी सीटों पर आरक्षण’
आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की माँग पूरी कराने के लिए आप को दिल्ली में सभी सात लोकसभा सीट पर जीत दिलाने की मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि पूर्ण राज्य बनने पर उनकी सरकार ना सिर्फ़ दिल्ली के छात्रों को शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश पर 85 फ़ीसदी आरक्षण मिल सकेगा बल्कि दो लाख नौकरियां देने का भी रास्ता खुलेगा.

केजरीवाल ने बुधवार को पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से आप प्रत्याशी आतिशी के पक्ष में कोंडली विधानसभा क्षेत्र में जनसभा सम्बोधित करते हुए कहा कि ये वादे दिल्ली की पूर्ण राज्य की माँग पूरी होने पर ही पूर्ण हो सकते है. 

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘देश के हर राज्य में नौकरियों में भर्ती या कॉलेज में दाख़िले के दौरान स्थानीय बच्चों को 85 फीसदी आरक्षण मिलता है. उसी तरह दिल्ली के भी पूर्ण राज्य बनने पर दिल्ली के बच्चों को भी आरक्षण देंगे.’ 

उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस पर पूर्ण राज्य की माँग के विषय में दिल्ली की जनता के साथ छल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि दोनो दलों ने पिछले चुनावों में अपने घोषणा पत्र में यह वादा किया था. अब दोनों दल इस वादे से मुकर कर कहने लगे है कि दिल्ली की पूर्ण राज्य की माँग पूरा करना व्यावहारिक नहीं है.

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