तेज भूकंप से थर्राया निकोबार द्वीप, रिक्टर स्केल पर 6.0 नापी गई तीव्रता

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भूकंप के झटके की खबर है. जानकारी के मुताबिक यहां पर 6.0 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. शुरुआती जानकारी के मुताबिक किसी प्रकार की क्षति की खबर नहीं है.

समाचार एजेंसी भाषा ने भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआईएस) के निदेशक एसपीएस शेनोई के हवाले से बताया कि अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के आसपास समुद्र के स्तर में कोई खास इजाफा नहीं देखा गया है, जिसकी वजह से सुनामी की कोई चेतावनी जारी नहीं की गई.

भूकंप गुरुवार सुबह आठ बजकर 43 मिनट पर आया और इसका केंद्र निकोबार द्वीप क्षेत्र में था. अधिकारियों ने बताया कि अभी भूकंप से जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है. बता दें कि जितना ज्यादा रिक्टर स्केल पर भूकंप आता है, उतना ही अधिक कंपन होता है. जैसे 7.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर जहां इमारतें गिर जाती हैं, वहीं 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है.

भूकंप के समय भूमि के कंपन के अधिकतम आयाम और किसी आर्बिट्रेरी छोटे आयाम के अनुपात के साधारण गणित को ‘रिक्टर पैमाना’ कहते हैं. ‘रिक्टर पैमाने’ का पूरा नाम रिक्टर परिमाण परीक्षण पैमाना है. बता दें कि अंडमान-निकोबार के कुछ इलाके को जोन-5 में रखे गए हैं.

जोन 5 को भूकंप के लिहाज से सबसे अधिक खतरनाक माना जाता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 38 शहर हाई रिस्क सिस्मिक जोन्स में आते हैं. जबकि 60 फीसदी भूभाग भूकंप को लेकर असुरक्षित हैं. ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के मुताबिक देश में ज्यादातर निर्माण भूकंप को ध्यान में रखकर नहीं किए गए हैं. हालांकि इसके कुछ अपवाद हैं. जैसे दिल्ली मेट्रो. दिल्ली मेट्रो का इस तरह निर्माण किया गया है कि वह भूकंप के झटके सह सकता है.

दिल्ली, पटना, श्रीनगर, कोहिमा, पांडुचेरी, गुवाहाटी, गैंगटॉक, शिमला, देहरादून, इंफाल और चंडीगढ़, अंबाला, अमृतसर, लुधियाना, रुड़की सिस्मिक जोन 4 और 5 में आते हैं. जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, उत्तर बिहार और अंडमान-निकोबार के कुछ इलाके जोन-5 में रखे गए हैं.

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