तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के बाद से बचावकर्मी रेस्क्यू अभियान में लगातार जुटे हैं। हड्डियां गला देने वाली ठंड के बीच जारी अभियान में कईयों को बाहर निकाला जा रहा है। मिनट-दर-मिनट लाशें मिल रही हैं और मौत का आंकड़ा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रहा है। तुर्की और सीरिया में भूकंप की तबाही में अभी तक 24 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। उधर, हजारों इमारतों के ढह जाने के बाद दोनों देशों में तकरीबन 10 लाख लोगों के पास खाने तक को पैसे नहीं है।
7.8 तीव्रता वाले भूकंप ने तुर्की और सीरिया में इस कदर तबाही मचाई कि मरने वालों की संख्या 24 हजार के पार पहुंच गई है। हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बीच बचावकर्मी रेस्क्यू अभियान चला रहे हैं। कभी मलबे से जिंदगियां बाहर निकल रही हैं तो कभी लाशें। पिछले कुछ दिनों से यही सिलसिला चल रहा है। हालत इस कदर बिगड़ गई है कि कम से कम 10 लाख लोगों के पास खाने तक को पैसे नहीं है। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि अकेले सीरिया में बेघरों की संख्या 5.3 मिलियन तक हो सकती है।
तुर्की और सीरिया में राहत-बचाव कार्यों के बीच कुछ अच्छी खबरें भी देखने को मिली। तुर्की राज्य समाचार एजेंसी अनादोलु के अनुसार, दक्षिण-पूर्वी तुर्की के गाजियांटेप प्रांत के नूरदागी जिले में ज़ाहिदे काया नाम की एक गर्भवती महिला को 115 घंटे के बाद जिंदा मलबे से बाहर निकाला गया। उनकी छह साल की बेटी कुबरा को एक घंटे पहले मलबे से बचाया गया था। महिला अस्पताल में भर्ती है लेकिन सुरक्षित है।
वहीं, संयुक्त राष्ट्र के अधिकार प्रमुख ने सीरिया में तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया ताकि भूकंप के सभी पीड़ितों तक सहायता पहुंच सके। विद्रोहियों के कब्जे वाले उत्तर-पश्चिम में करीब 40 लाख लोग मानवीय सहायता पर निर्भर हैं, लेकिन तीन हफ्तों में सरकार-नियंत्रित क्षेत्रों से कोई सहायता वितरण नहीं हो पाया है।