तुर्किये का भारत विरोधी रुख दिल्ली के सेब व्यापारियों को खटका, बहिष्कार की तैयारी

पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद के खिलाफ भारत की ओर से की गई हालिया कार्रवाई के दौरान तुर्किये के रुख को लेकर दिल्ली के सेब व्यापारियों में गहरा रोष है। उन्हें तुर्किये की ओर से पाकिस्तान का समर्थन करना नागवार गुजरा है।

खास तौर पर एशिया की सबसे बड़ी फल और सब्जी मंडी आजादपुर में इस पर तीखी प्रतिक्रिया आई है। व्यापारी संगठनों ने तुर्किये से आने वाले सेब का बहिष्कार करने की बात कही है।

आजादपुर मंडी के प्रमुख और वरिष्ठ फल व्यापारी रवि कुमार ने साफ कहा कि अब तुर्किये से व्यापार नहीं किया जाएगा। उनके पास जो सामान तुर्किये से पहले ही आ चुका है, उसे निपटाया जाएगा, लेकिन भविष्य में कोई नया ऑर्डर नहीं दिया जाएगा।

तुर्किये ने भारत की आतंकवाद विरोधी कार्रवाई पर सवाल उठाकर पूरी दुनिया की भावनाओं के खिलाफ काम किया है। आज आतंकवाद से हर देश परेशान है और ऐसे समय में पाकिस्तान का समर्थन करना तुर्किये की भारत विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।

एक अन्य वरिष्ठ व्यापारी नरेंद्र कुमार ने भी कहा कि तुर्किये का रवैया निंदनीय है। उन्होंने कहा कि हम व्यापारी हैं लेकिन देशहित से बड़ा हमारे लिए कुछ नहीं। हम तुर्किये से सेब आयात नहीं करेंगे, चाहे उससे मुनाफा हो या नुकसान।

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इसी तरह व्यापारी मनोज बंसल का कहना है कि तुर्किये जैसे देशों को तभी सबक मिलेगा जब भारत के व्यापारी एकजुट होकर आर्थिक स्तर पर जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि मंडी में अब ऐसी मुहिम शुरू हो गई है कि जो व्यापारी तुर्किये से माल लाता है, उससे भी सवाल पूछे जाएंगे।

तुर्किये और अजरबैजान न जाने की अपील
देश भर के व्यापारियों के शीर्ष संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने व्यापारियों व लागों से तुर्किये व अजरबैजान की यात्राओं का पूर्ण बहिष्कार करने की अपील की है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री व चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि यदि भारतीय नागरिक तुर्किये और अजरबैजान की पाकिस्तान के प्रति समर्थन के विरोध में उनकी यात्रा का बहिष्कार करते हैं, तो इसका इन देशों की अर्थव्यवस्था, विशेषकर पर्यटन क्षेत्र पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।

खंडेलवाल ने कहा की यदि भारतीय पर्यटक तुर्किये की यात्रा का बहिष्कार करते हैं, तो उसको लगभग 291.6 मिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष नुकसान होगा। इसके अतिरिक्त, भारतीय पर्यटकों की ओर से आयोजित विवाह, कॉर्पोरेट कार्यक्रम और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों के रद्द होने से अप्रत्यक्ष रूप से और भी आर्थिक नुकसान हो सकता है।

वहीं, भारतीय पर्यटकों के बहिष्कार से अजरबैजान को लगभग 308.6 मिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष नुकसान होगा। चूंकि भारतीय पर्यटक मुख्यत अवकाश, मनोरंजन, विवाह और साहसिक गतिविधियों के लिए अजरबैजान जाते हैं, इन क्षेत्रों में भी आर्थिक मंदी बड़े पैमाने पर हो सकती है।

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