तिल भले ही आकार में बहुत छोटा होता है, लेकिन यह स्वास्थ्य के नजरिए से बहुत ही फादयेमंद होता है। चीन में ऐसा माना जाता है कि काले तिल में पाए जाने वाले पोषक तत्व बढ़ती उम्र से होने वाले नकारात्मक प्रभावों से बचाव में मदद करते हैं।
आहार विशेषज्ञ कविता देवगन ने खास बातचीत में इसकी खूबियां गिनाईं…
-भारतीय खानपान में तिल का बहुत महत्व है। सर्दियों के मौसम में तिल खाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है और शरीर सक्रिय रहता है।
-तिल में कई प्रकार के प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन बी-कॉम्प्लैक्स और कार्बोहाइट्रेड आदि तत्व पाए जाते हैं, जिसके सेवन से तनाव दूर होता है और मानसिक दुर्बलता नहीं होती।
-35 की उम्र के बाद हड्डियों का बढ़ना रुक जाता है और मेनोपॉज के बाद महिलाओं में हड्डियों के टूटने का सिलसिला शुरू हो जाता है। ऐसे में काले तिल का सेवन उनके लिए फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें कैल्शियम और जिंक पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, जोकि हड्डियों को मजबूत रखते हैं।
-वहीं तिल में विटामिन बी की मात्रा हमारी त्वचा को अच्छा बनाए रखती है और मधुमेह और कैंसर को बढ़ने से रोकता है।
-इसके अलावा प्राचीन समय से खूबसूरती बनाए रखने के लिए भी तिल का प्रयोग किया जाता रहा है। इसका उपयोग कई बीमारियों के इलाज और बढ़ती उम्र से निपटने के लिए किया जाता है।
-तिल में मौजूद जिंक बालों की सेहत के लिए जरूरी है। इससे इम्यून सिस्टम भी अच्छा रहता है। तिल में मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जोकि उक्त रक्तचाप से निपटने में मदद कर सकती है। काली तिल में पाया जाने वाला फाइबर और अनसैचुरेटेड फैटी एसिड कब्ज के इलाज में मदद कर सकती है। हालांकि जिन लोगों को किडनी या पेट संबंधी समस्या है, उन्हें इसकी कम मात्रा लेनी चाहिए अथवा डॉक्टर की सलाह पर ही वे इसका सेवन करें।
– जापान में हरी सब्जियों और पके हुए स्नैक्स में काले तिल को मिलाया जाता है। भूरे और काले तिल की रोटियां भी बनाई जाती हैं। इसके अलावा कहीं-कहीं इसका इस्तेमाल सूखे मसाले बनाने में भी किया जाता है।
– काला तिल कोरियन पकवान का भी हिस्सा है। कहने का मतलब यह है कि आप भी तिल को खाने में अलग-अलग तरीके से शामिल कर सकती हैं।