वैज्ञानिकों ने पहली बार यह पाया है कि जेब्रा अपने शरीर का तापमान नियंत्रित रखने के लिए काली धारियों में हेरफेर कर सकते हैं। अत्यधिक गर्मी वाले क्षेत्र अफ्रीका में निवास करने वाले जेब्रा
शरीर का तापमान को अपनी काली-सफेद धारियों के माध्यम से नियंत्रित करते हैं। इनकी धारियों में उष्मा संवहन करने वाली धाराएं होती हैं जो तापमान को स्थानांतरित करती हैं। इससे पहले यह समझा जाता था कि जेब्रा की ये धारियां केवल अपने शिकार को धोखा देने के लिए होती हैं। अध्ययन में बताया गया कि जेब्रा अपनी काली धारी को मौसम के मुताबिक बढ़ा और घटा सकता है।
जेब्रा की धारियों का अद्भुत पैटर्न उसको अपना तापमान नियंत्रित करने की सहूलियत देता है। इन दोनों वैज्ञानिकों ने अपना ज्यादातर समय अफ्रीका के सहारा क्षेत्र में जेब्रा पर अध्ययन करने में बिताया है। अफ्रीका के लगातार बदलते तापमान में जेब्रा जिस तरह से अपने शरीर का तापमान नियंत्रित करने के लिए धारियों का उपयोग करता है। इसे समझना जटिल तो है ही, यह रोचक भी है। जेब्रा के पसीने के वाष्पीकरण में भी इन धारियों का विशेष योगदान होता है। जिससे जेब्रा को तापमान अनुकूलित करने में मदद मिलती है। जेब्रा की काली और सफेद दोनों धारियों का तापमान अलग-अलग दर्ज किया गया। काली धारी का तापमान सफेद से 12-15 डिग्री सेल्सियस तक ज्यादा पाया गया।