ताइवान के राष्ट्रपति साई इंग वेन ने एक बार फिर चीन को आइना दिखाते हुए कहा है कि उनका मुल्क पहले से ही स्वतंत्र था। उन्होंने कहा कि चीन को ताइवान के प्रति अपने कड़े रुख पर फिर से विचार करना चाहिए।

राष्ट्रपति वेन ने कहा कि बीजिंग को कोई भी हमला बहुत मंहगा पड़ेगा। वेन ने यह बात ऐसे समय कही है, जब चीन ने स्व शासित द्वीप को अपना अभिन्न हिस्सा बता रहा है। ऐसे में वेन का यह बयान काफी अहम रखता है।
इसके पहले चीन के विदेश मंत्री वांग ई ने ताइवान की स्वतंत्रता को लेकर कहा था कि अलगाववादी दस हजार साल तक बदबू फैलाते रहेंगे, इनसे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। ताइवान में हाल ही में हुए चुनाव में राष्ट्रपति साई इंग वेन को जनता ने भारी बहुमत से फिर सत्ता सौंपी है। उन्हें हराने की चीन की हर कोशिश नाकाम रही है। जीत के बाद साई ने हुंकार भरी है कि चीन की धमकियों के आगे ताइवान नहीं झुकेगा।
चीन अपनी झूठी मान्यताओं से बाहर आए। अफ्रीका के अपने दौरे में वांग ने कहा, वन चाइना नीति को दुनिया को स्वीकार किए अरसा बीत चुका है। इस नीति के अनुसार ताइवान चीन का अभिन्न अंग है।
ताइवान सरकार ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि वह एक स्वतंत्र राष्ट्र है और उसका आधिकारिक नाम रिपब्लिक ऑफ चाइना है। वह कभी भी पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का हिस्सा नहीं रहा। बीजिंग को ताइवान में हुए चुनाव के परिणामों का सम्मान करना चाहिए और ताइवान के साथ अच्छे पड़ोसी देश जैसा व्यवहार करना चाहिए। चीन अपनी झूठी मान्यताओं से बाहर आए।
साई ने अपने एक साक्षात्कार में कहा कि हमें खुद को एक स्वतंत्र राज्य घोषित करने की आवश्यकता नहीं है।उन्होंने कहा कि हम पहले से ही एक स्वतंत्र देश हैं और हम खुद को चीन गणराज्य ताइवान कहते हैं।
आधुनिक ताइवान पिछले 70 वर्षों से अलग चला रहा है। लेकिन 1980 के दशक के बाद से यह एशिया के सबसे प्रगतिशील लोकतंत्रों में से एक में बदल गया है। उन्होंने कहा कि हमारे पास एक अलग पहचान है और हम अपने खुद के एक देश हैं। साई ने कहा हम चीन से सम्मान के पात्र हैं। चीन ने गुस्से के साथ द्वीप को आज़ादी के करीब लाने के लिए किसी भी कदम के खिलाफ चेतावनी देते हुए, साई के फिर से चुनाव की बधाई दी है।
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