शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में सफलता पाने में पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी सबसे आगे हैं। उन्होंने सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को काफी पीछे छोड़ा है। उनकी यह बढ़त सभी को नियुक्ति दिलाने में बाधा भी बन सकती है। बेसिक शिक्षा परिषद मुख्यालय ने प्रदेश के सभी 75 जिलों में आरक्षणवार पदों की संख्या जारी की है, उसमें करीब आठ हजार ओबीसी अभ्यर्थी अधिक हैं। ऐसे में आरक्षण ओवर लैप करने या फिर कुल भर्ती को आधार बनाने पर ही सभी को नियुक्ति मिल सकेगी।
एससी के 8702 पद हैं और सफल 6472 हैं, एसटी के 800 पद तय हुए हैं, जबकि सफल सिर्फ 123 हैं। इस तरह से श्रेणीवार आरक्षण में सामान्य के 5096, एससी की 2209 और एसटी की 677 सीटें खाली रह जाएंगी, जबकि ओबीसी के 7982 अभ्यर्थी तय पदों से अधिक हैं। सामान्य वर्ग की तय सीटों के अलावा विशेष आरक्षण के भी पद भरे जाने हैं, उनका भी जिलावार निर्धारण हुआ है, उसे भी जोड़ लें तो भी सामान्य वर्ग की सीटें खाली रहने के आसार हैं।