तमिलनाडु में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी: चेन्नई में हालात बेकाबू

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है. तमिलनाडु में भी नागिरकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है, लोगों में इस कानून के खिलाफ गुस्सा देखने को मिल रहा है. तमिलनाडु के 6 से ज्यादा शहरों में महिलाएं सड़कों पर उतर गई हैं और सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं.

चेन्नई में हालात अब बेकाबू हो गए हैं. चेन्नई के वाशरमैनपेट में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, फिर कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया था. हालांकि बाद में प्रदर्शनकारियों को रिहा कर दिया गया था.

चेन्नई पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों से भिड़ंत में चार पुलिसकर्मी जख्मी हो गए. इनमें एक महिला डिप्टी कमिश्नर, दो महिला अधिकारी और एक सब-इंस्पेक्टर शामिल हैं. कहा जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों के पथराव में पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.

उधर प्रदर्शनकारियों का भी कहना है कि उनके खेमे से भी कुछ लोग जख्मी हुए हैं. बवाल बढ़ने पर पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया. इनकी रिहाई के लिए लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी. बाद में स्थिति नियंत्रण में आ गई.

दरअसल मामला तब भड़क गया जब पुलिस ने प्रदर्शनस्थल से कुछ लोगों को जबरन हटाया. इसके बाद प्रदर्शनकारी और पुलिस में भिड़ंत हो गई. यहां जमे लोगों को हटाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. हालांकि लोग इसके बावजूद नहीं हटे. बाद में पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया.

चेन्नई पुलिस ने साफ किया है कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई झड़प में किसी भी शख्स की मौत नहीं हुई है. दरअसल दावा किया जा रहा था कि एक बुजुर्ग शख्स की प्रदर्शन के दौरान शुक्रवार रात को मौत हो गई थी. इस खबर का पुलिस ने खंडन किया है. पुलिस ने कहा है कि प्रदर्शन और बुजुर्ग शख्स की मौत के बीच कोई संबंध नहीं है.

पुलिस के साथ हुई झड़प के बाद महिलाएं तो यहां से हट गईं लेकिन थोड़ी देर बार हजारों की संख्या में लोग उमड़ पड़े. शुक्रवार शाम महिलाओं ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए. नागिरकता कानून के खिलाफ महिलाएं लगातार आवाज बुलंद करती रहीं. कुछ महिलाओं ने लाठीचार्ज के बाद बताया कि किस तरह से पुलिस ने कार्रवाई की थी.

चेन्नई ही नहीं बल्कि कोयंबटूर और मदुरै में नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन देखने को मिला. नागिरकता कानून के खिलाफ उतरी महिलाओं की मांग है कि हर हाल में केंद्र सरकार नागरिकता कानून को वापस ले. इन विरोध प्रदर्शनों में लगातार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की जा रही है, साथ ही अमित शाह के खिलाफ भी नारेबाजी की जा रही है.

शाहीन बाग की तर्ज पर महिलाएं राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर(एनआरसी), नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर(एनपीआर) और नागरिकता संशोधन अधिनियम(सीएए) का विरोध कर रही हैं.

दिल्ली के शाहीन बाग में हो रहा विरोध प्रदर्शन अब देशभर के विरोध प्रदर्शनों का प्रतीक बन गया है. नागरिकता कानून, एनपीआर और एनआरसी को लेकर तमिलनाडु में हंगामा मचा हुआ है. अलग-अलग जगहों से विरोध प्रदर्शन के मामले सामने सामने आ रहे हैं. तमिलनाडु में लोग पोस्टर के जरिए मौजूदा सरकार पर निशाना साध रहे हैं.

शाहीनबाग की तरह ही तमिलनाडु के कई शहरों में नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. हर जगह विरोध प्रदर्शन में बैठी महिलाओं की मांग है कि हर हाल में इस कानून को वापस लिया जाए. वहीं केंद्र सरकार कई बार साफ कर चुकी है कि इस कानून को वापस नहीं लिया जाएगा, क्योंकि यह कानून नागिरकता लेने नहीं, नागरिकता देने का कानून है.

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