90 के दशक में रिलीज हुई फिल्म ‘सौदागर’ में दर्शकों ने उनकी मासूमियत को खूब पसंद किया. फिल्म ‘1942: ए लव स्टोरी’ में आपने उनके चुलबुले अंदाज को फैंस की खूब वाहवाही मिली. हम बात कर रहे हैं 90 के दशक की बेहतरीन अदाकारा मनीषा कोइराला की.
शाहरुख खान और सलमान खान जैसे सितारों के साथ काम कर के मनीषा ने मायानगरी में अपनी एक अलग और खास पहचान बनाई. कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से लड़ाई जीतने के बाद बॉलीवुड की ‘माया’ एक बार फिर अपने फैन्स से रुबरु होने के लिए तैयार हैं. मनीषा फिल्म ‘डियर माया’ में लीड रोल में नजर आएंगी. फिल्म में मनीषा बहुत ही अलग अंदाज में दिखेंगी. मनीषा का लुक भी खूब सुर्खियां बटोर रहा है.
संजय दत्त की माँ बनेगी मनीषा कोइराला
‘दिल से’ और ‘बॉम्बे’ जैसी संजीदा फिल्में करने वाली मनीषा को इस बात का मलाल भी है कि 40 प्लस एक्ट्रेसेज को ज्यादा लीड रोल्स नहीं मिलते. अपनी फिल्म प्रमोशन के सिलसिले में मनीषा अपनी पूरी टीम के साथ दिल्ली में थी.
एक खास बातचीत में मनीषा ने बताया- ‘मुझे लगता है कि हमें ये बदलना होगा. 40 प्लस एक्ट्रेसेज को फिल्मों में लीड रोल मिलने चाहिए जो कुछ हद तक ‘डियर माया’ में है. लेकिन ये बहुत अच्छा है कि अभी तक शाहरुख और सलमान जैसे सितारे इंडस्ट्री में राज कर रहे हैं. 2-3 दशकों की कामयाबी मायने रखती है. मुझे भी उनको पर्दे पर देखना अच्छा लगता है. लेकिन समय बदल गया है और आजतक फिमेल एक्ट्रेसेज भी अपने दम पर फिल्में चला सकती हैं.’
फिल्म ‘डियर माया’ में मनीषा एक अधेड़ उम्र की महिला के रोल में हैं जो अपने आप को 20 साल तक घर में बंद करके रखती है. जवानी में शादी के लिए लड़कों से मिले रिजेक्शन की वजह से ‘माया’ बाहरी दुनिया से नाता तोड़ लेती है. फिर कैसे दो कॉलेज की लड़िकया लव लेटर्स के जरिए उसकी जिंदगी बदल के रख देती है. उन लेटर्स का माया के उपर क्या असर होता है फिल्म ‘डियर माया’ इसी पर आधारित है.
असल जिंदगी में भी ऐसा होता है इसलिए मनीषा ने लड़कियों को एक नसीहत दी. मनीषा ने बताया- ‘किसी भी लड़की को कुछ करने के लिए न तो किसी की मंजूरी की जरुरत है और न ही अपने आप को किसी को साबित करने की, खुद पर विश्वास, आत्मनिर्भर्ता और आर्थिक रुप से स्वतंत्र होने की जरुरत है ताकि कोई भी चीज उनको प्रभावित न करे और इसके लिए शिक्षा बहुत जरुरी है. मनीषा की फिल्म ‘डियर माया’ 2 जून को रिलीज हो रही है.