
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का कहना है कि वह अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस लेना चाहते हैं। लेकिन, वहां की पूरी स्थिति पर खुफिया एजेंसी काम करेगी। छोड़ देंगे, सोमवार को एक साक्षात्कार में देश को ‘आतंकवादियों का हार्वर्ड’ ब्रांड बनाया जाएगा।
ट्रंप ने सोमवार को मीडिया को दिए इंटरव्यू में अफगानिस्तान को आतंकवादियों के लिए प्रयोगशाला करार दिया और कहा कि वह हमारी एक मजबूत खुफिया तंत्र वहां काम करता रहेगा। ट्रंप ने कहा हम बहुत मजबूत बुद्धिमत्ता छोड़ रहे हैं, जितना आप सामान्य रूप से सोचते हैं, वह उससे कहीं अधिक होगा। हमे स्थिति पर निगरानी रखनी है। ट्रंप ने आगे कहा कि हमने काफी हद तक अपने सैनिकों को अफगानिस्तान से वापस बुला लिया है। अफगानिस्तान में हमारे 16 हजार सैनिक थे जिनकी संख्या घटकर महज नौ हडार रह गई है। कि पिछले ही महीने कहा था कि जल्द ही अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की संख्या घटाकर आठ हजार कर दी जाएगी।
अमेरिकी नीत अंतरराष्ट्रीय सेना ने आतंकवादी संगठन अल कायदा के 9\11 हमले के बाद वर्ष 2001 में अफगानिस्तान में सैन्य अभियान शुरू किया था। अल कायदा को तालिबान का समर्थन था। वहीं अब अमेरिका और अफगानिस्तान के बीच 7 वें चरण की शांति वार्ता चल रही है। अमेरिका चाहता है कि अफगानिस्तान यह आश्वस्त करें की उसके सैनिकों को लौटाने के बाद वह देश को आतंकवादी के लिए सुरक्षित पनाहगार नहीं बनने देगा।
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