भारत और चीन के बीच दो महीने से चल रहे सीमा विवाद में हर रोज कुछ नयी परिस्थितयाँ बन रही है.. कल तक डोकलाम के लिए युद्ध की सार्वजनिक धमकी दे रहा चीन, अब खुद पीछे हटने को तैयार हो गया है। ताजा खबर ये कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) डोकलाम के विवादित प्वाइंट से 100 मीटर पीछे हटने को तैयार हो गयी है। हांलाकि भारत उसे 250 मीटर पीछें हटाने का निश्चय किए हुए है और कल ही राज्यसभा में रक्षामंत्री अरूण जेटली ने इसकी प्रतिबद्धता जाहिर की है।
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चीन की सरकारी मीडिया ने एक दिन पहले ही भारत को यह धमकी दी है कि अगर वो पीछे नही हटा तो चीन के तरफ से सैन्य कार्रवाई होना सुनिश्चित है। चीनी सीमा एवं महासागर मामलों के डिप्टी डायरेक्टर जनरल वांग वेनली सीमा से कश्मीर और उत्तराखण्ड में घुसने की धमकी दे चुके हैं। ऐसे में अब चीन का ये बयान कि वो 100 मीटर पीछे हट सकता है, भारत के लिए पूरी तरह विश्वसनीय नही है… क्योंकि चीन के तरफ से दिए जा रहे बयानों में और डोकलाम की जमीनी हकीकत में बहुत अन्तर है।
चीन की तरफ से आए इस ताजे बयान से उसका दोहरा चरित्र साफ दिख गया है। चीन की सरकारी मीडिया के जिस रिपोर्ट में उसके पीछे हटने की पेशकश की है, उसी रिपोर्ट में डोकलाम में चीन के सैन्य मौजूदगी बढ़ाने की भी बात की गयी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने डोकलाम में और 80 टेंट लगा दिए हैं…इसमें सोचने की बात ये है कि जहां पर चीन ने अपनी सैन्य मौजूदगी दर्ज कराई है, वो स्थल उत्तर डोकलाम से महज एक किलोमीटर की दूरी पर है। साफ है की चीन की नियत डोकलाम को लेकर अभी ठीक नही है और भारत की प्रतिबद्धता को देखते हुए उसने सिर्फ एक झांसा दिया है।
चीन के बदलतें पैंतरों और लगातार मिल रही धमकीयों के बावजूद इस मामलें में भारत संतुलित रूख अख्तियार किए है और इस विवाद से निपटने के लिए हर सम्भव कुटनीतिक कोशिशें की जा रही हैं ।
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