जिस तरह से सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल अयोध्या का दौरा किया उससे सियासी सरगर्मी बढ़ गयी है .उनके वापस जाने के बाद अयोध्या से उनके चुनाव लड़ने की प्रबल चर्चाऔ से राजनीति का पारा चढ़ गया है .अयोध्या को लेकर भारतीय जनता पार्टी हमेशा से गम्भीर रही है शुरू से ही अयोध्या इनके एजेंडे मे रहा है .2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या से चुनाव लड़कर और विधायक बनकर हिंदू वोट बैन्क को पूरी तरह अपने पक्ष मे कर 2019 मे दुबारा केन्द्र की सत्ता हासिल कर सकते है.इसके पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धर्मिक नगरी बनारस से चुनाव लड़कर विजयश्री प्राप्त की थी और केन्द्र की सटा हासिल की थी . एक वार पुन: इतिहास अपने आपको दोहरा रहा है; मुख्यमंत्री के अयोध्या दौरे के बाद ऐसा लग रहा है. यदि ऐसा होता है तो विरोधी पार्टियों से कौन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मैदान मे उतरेगा इसकी भी चर्चाऔ का बाजार गरम है.
उपचुनाव मे बी एस पी कभी उम्मीदवार नही उतारती ये सर्वविदित है .ऐसे मे देखने मे दिलचस्प बात ये होगी की समाजवादी पार्टी से कौन सा चेहरा ऐसा है जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मजबूत साबित हो सके.हालाकि तेज नरायन पाण्डेय ने 2012 मे अयोध्या से जीत दर्ज कर बी जे पी की परम्परागत सीट को जीतकर समाजवादी पार्टी के खाते मे डाली थी उस वक्त इस जीत को तेजनरायन पाण्डेय के सरल व्यक्तित्व और युवा होने का प्रभाव माना जा रहा था, पर 2017 के विधानसभा चुनाव मे 50000 मतों के अंतर से हुई करारी हार ने तेज नरायन पाण्डेय की जनता और युवाओं मे कमजोर हो रही साख को उजागर कर दिया और 2012 मे हुई अयोध्या सीट पर जीत अखिलेश का जादू साबित करने के लिये काफी सिद्ध हुआ ऐसे मे देखना ये होगा की समाजवादी पार्टी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ किसको उम्मीदवार बनाती है जो अयोध्या मे कमजोर होती पार्टी की साख को बचा सके. समाजवादी पार्टी के खेमे से निकल कर बाहर आ रही बातो से डॉ आशिष पाण्डेय दीपु या मनोज जायसवाल मजबूत दावेदार हो सकते है .
पूर्व मे समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने डॉ आशिष पाण्डेय दीपु को समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार भी बनाया था और मुलायम सिंह यादव डॉ आशिष पाण्डेय दीपु को ही अयोध्या से चुनाव लडाने के मूड मे थे .डॉ आशिष पाण्डेय दीपु ने अयोध्या मे मुलायम सिंह यादव के 75 और 77 दीवेसिय और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के 43 और 44 दिनो का वृहद समय तक चलने वाले जन्मोत्सव कार्यक्रमों का आयोजन कर अपने समाजिक कार्यक्रमों और वृहद अनुष्ठानओ मे भारी संख्या मे साधु संतो को शामिल कर अयोध्या की जनता और युवाओं के बीच अलग छाप छॊडी हुई है.
ऐसे मे देखने वाली बात ये होगी की क्या समाजवादी पार्टी अपने पुराने उम्मीदवार तेज नरायन पाण्डेय को दुबारा मैदान मे उतारेगी या हिंदुस्तान की राजनीति मे तजुर्बे और दूरदर्शी नेता के तौर पर जाने जाने वाले मुलायम सिंह यादव जी की पसंद डॉ आशिष पाण्डेय दीपु को तवज्जो देगी.ये तो आने वाला वक्त ही तय करेगा पर एक बात तो तय है की अयोध्या मे बी जे पी के मुकाबले केवल समाजवादी पार्टी ही लडायि मे दिख रही है .