डॉनल्ड ट्रंप: रूस के साथ रिश्ते अब तक के सबसे बुरे दौर में!

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका और रूस के मौजूदा रिश्ते शीतयुद्ध काल से भी ज्यादा खराब हैं। ट्रंप ने अपने ट्वीट कर कहा कि दोनों देशों के बीच के रिश्ते अब तक के सबसे खराब है दौर में हैं और इसमें शीतयुद्ध भी शामिल है।’ उन्होंने कहा, ‘इसका कोई कारण नहीं है। रूस को अपनी अर्थव्यवस्था के लिए हमारी जरूरत है , यह ऐसी चीज है जिसे करना बेहद आसान है , और हम सभी राष्ट्रों हथियारों की होड़ रोकने की जरूरत है।’ सीरिया में सैन्य हमलों को लेकर रूस द्वारा अमेरिका को चेतावनी दिए जाने के बाद ट्रंप ने यह बात कही है। उन्होंने रूस को मिसाइल हमले की चेतावनी भी दी। सीरिया में हुए केमिलकल अटैक के बाद ट्रंप ने कहा, ‘रूस, तैयार रहो, क्योंकि तुम्हें इस हमले का हिस्सा नहीं होना चाहिए। तुम्हें लोगों की मौत का मजा नहीं लेना चाहिए।’ 

 बता दें कि पिछले सप्ताह डौमा में हुए केमिकल अटैक में कम से कम 70 लोग मारे गए थे। वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि इस अटैक में नर्व गैस का इस्तेमाल किया गया था, जिससे लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया और उनके मुंह से झाग निकलने लगा। 
इसके बाद रूस ने सीरिया में संयम बरतने की अपील करते हुए कहा कि देशों को ऐसी कार्रवाई से बचना चाहिए जो युद्धग्रस्त देश में हालात को और बिगाड़ती हों। अमेरिका इस कथित रासायनिक हमले के जवाब में मिसाइल हमला करने पर विचार कर रहा है। बता दें कि मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस ने विद्रोहियों के कब्जे वाले डूमा शहर में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की खबरों के बाद दोषियों की पहचान के लिए पैनल गठित करने पर अमेरिका के प्रस्ताव पर वीटो कर दिया। 

राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप ने सीरिया के घटनाक्रमों का हवाला देते हुए मंगलवार को पेरू के लीमा में होने वाले सम्मेलन के लिए अपना दौरा रद्द कर दिया। इस बीच ट्रंप ने सीरिया सरकार पर हमले की तैयारी के लिए ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे से भी चर्चा की है। रासायनिक हथियार निषेध संगठन ने ऐलान किया है कि डौमा में एक तथ्यान्वेषी मिशन भेजा जा रहा है, जहां कथित तौर पर रासायनिक हमला किया गया था। रूस और सीरिया ने सोमवार को सुरक्षा परिषद को बताया कि वे ओपीसीडब्ल्यू से अपने जांचकर्ताओं को वहां भेजने का आह्वान कर रहे हैं और इसके लिए उन्हें हर तरह की सुविधाएं और सुरक्षा प्रदान की जाएगी। 

अमेरिका का कहना है कि इस हमले में 89 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। रूस ने अमेरिका और इसके सहयोगी देशों द्वारा प्रायोजित पहले प्रस्ताव के खिलाफ वीटो कर दिया था। इस प्रस्ताव में डौमा में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल को लेकर स्वतंत्र जांच की मांग की गई थी। इस प्रस्ताव के पक्ष में 12 वोट पड़े थे, जबकि इसके खिलाफ दो वोट पड़े। चीन ने मतदान में भाग नहीं लिया। इसके बाद रूस द्वारा पेश दो प्रस्तावों को परषिद में बहुमत नहीं मिला। रूस के पहले प्रस्ताव में स्वतंत्र जांच दल का गठन करने का आह्वान किया गया था, लेकिन इसमें ओपीसीडब्ल्यू के डेटा और विद्रोही संगठनों के बारे में सीरिया सरकार द्वारा उपलब्ध सूचना की जरूरत होगी। इस प्रस्ताव के पक्ष में छह वोट पड़े, जबकि विपक्ष में सात वोट पड़े। दो देशों ने इससे दूरी बनाए रखी।

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थाई प्रतिनिधि निक्की हेली ने रूस के वीटो की आलोचना करते हुए कहा, ‘इतिहास गवाह है कि इस दिन रूस ने सीरियाई लोगों का जीवन बचाने के बजाए हैवान की सुरक्षा की।’ रूस ने इस प्रस्ताव पर विभिन्न देशों से चर्चा के बाद इसी तरह का एक और प्रस्ताव पेश किया। हालांकि, इसमें स्वतंत्र जांच की पेशकश नहीं की गई थी। रूस के इस दूसरे प्रस्ताव के पक्ष में पांच देशों ने वोट किया, जबकि इसके खिलाफ चार ने वोट किया। छह देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। 

 

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