2018 Burari Death Case: डेढ़ साल बाद उत्तरी दिल्ली में ब़ुराड़ी स्थित 11 मौतों वाला घर फिर से आबाद होगा। घर को लेकर इलाके में व्याप्त अफवाहों व अंधविश्वासों को धता बताते हुए एक परिवार ने इसमें रहने का फैसला किया है। अहम बात यह है कि परिवार के मुखिया मोहन पड़ोस में ही पैथोलॉजी लैब चलाते हैं। वह रविवार को परिवार सहित बतौर किरायेदार घर में रहने के लिए आ जाएंगे। उनके परिवार में पत्नी कृष्णा के अलावा तीन बच्चे हैं। इसके लिए घर के रंगरोगन सहित मरम्मत का काम तेजी से हो रहा है।
अंधविश्वास व अफवाहों को दूर करेंगे
मोहन ने बताया कि इस घर से सटा हुआ उनका पैथोलॉजी लैब है। तीनों बच्चे भी यहीं पर कोचिंग पढ़ते हैं। इसलिए उनके परिवार को सब कुछ पता है। उनका कहना है कि शुरू में शंका हुई तो इस बारे में पत्नी से बात की। उन्होंने रहने के लिए सहमति जता दी। इसके बाद उन्होंने मकान मालिक दिनेश से बात की तो वह देने को तैयार हो गए। मोहन इस मकान में पैथोलॉजी लैब भी ले जाएंगे। उन्होंने लोगों में फैले अंधविश्वास को दूर करने के लिए यह साहसिक फैसला लिया है। इसमें उनका मौजूदा मकान मालिक वीरेंद्र त्यागी ने हौसला बढ़ाया है।
उल्लेखनीय है कि 30 जून और एक जुलाई 2018 की रात को बुराड़ी के संत नगर स्थित इस मकान में एक ही परिवार के 11 लोगों के शव फंदे से लटके मिले थे। पुलिस जांच में सामने आया था कि अंधविश्वास की वजह से परिवार के मुखिया ललित के कहने पर सभी लोगों ने आत्महत्या की थी। इस परिवार में ललित के बड़े भाई दिनेश एवं उनका परिवार ही बचा है जो राजस्थान के रावतभाटा में रहता है। घटना के बाद से इस मकान को लेकर अफवाह फैल रही थी। इस वजह से यहां कोई रहने की हिम्मत हीं जुटा पा रहा था, जबकि दिनेश खुद परिवार सहित बीच बीच में रहने के लिए आते थे।