डेढ़ साल बाद मध्य प्रदेश के करीब सवा लाख प्राइमरी स्कूल सोमवार से खुल जाएंगे। इसमें 83 हजार 890 सरकारी और करीब 40 हजार निजी स्कूल शामिल हैं। अभिभावकों की सहमति से ही बच्चों को स्कूल में आने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, इंदौर में सोमवार को स्थानीय अवकाश होने से यहां सरकारी स्कूल मंगलवार से खुलेंगे। इंदौर के निजी स्कूल दीपावली के बाद खुलेंगे। सूबे में सोमवार से खुलने वाले निजी स्कूलों में बस की सुविधा नहीं दी जाएगी, बल्कि अभिभावक लेने और छोड़ने जाएंगे।
स्कूलों में कोविड गाइडलाइन का पालन अनिवार्य होगा। इसमें बच्चों को मास्क और शारीरिक दूरी का पालन करना होगा। स्कूलों में सैनिटाइजर और हाथ धोने की व्यवस्था भी की जाएगी। सभी शिक्षकों और स्टाफ से टीकाकरण प्रमाणपत्र जमा करा लिया गया है। स्कूलों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना होगा। इधर इंदौर में अधिकांश निजी स्कूलों की तैयारी न होने से वे स्कूल नहीं खोल पाएंगे। स्कूल संचालकों का कहना है कि सरकार का निर्णय अचानक आया है, इसलिए अभी अभिभावकों की अनुमति लेनी बाकी है। साथ ही क्लासरूम, टाइम टेबल तैयार करने के लिए समय चाहिए।
दूसरी तरफ शासकीय स्कूलों की तैयारी तो है, लेकिन सोमवार को इंदौर जिले में अनंत चतुर्दशी के उपलक्ष्य में अवकाश है, इस कारण वे भी इस दिन नहीं खुल पाएंगे। शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों में सूचना पहुंचा दी है, इसलिए मंगलवार से सरकारी प्राथमिक स्कूल खुलेंगे। इन स्कूलों में पहले से शिक्षक पहुंच रहे हैं। निजी स्कूल भले ही अपनी तैयारी के बाद स्कूल खोलेंगे, लेकिन शासन की घोषषणा के बाद इंदौर जिले के 1100 प्राथमिक स्कूल मंगलवार से खुल सकते हैं। इनमें करीब 65 हजार विद्यार्थी हैं।
अभिभावकों का रूख देखते हुए निजी स्कूल दशहरा या दीपावली के बाद प्राथमिक स्कूल खोलने के बारे में विचार कर रहे हैं। बहरहाल जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश व्यास ने बताया कि शासकीय प्राथमिक स्कूल खोलने की हमारी पूरी तैयारी है। सभी शिक्षकों को कोरोना के टीके लग चुके हैं। कक्षाओं को भी सैनिटाइज करवा दिया गया है। पहली बार जब बच्चे स्कूल आएंगे तो अपने अभिभावक से स्कूल आने का सहमति-पत्र लिखवाकर ही लाएंगे।
डेंगू और महंगे पेट्रोल-डीजल ने भी रोकी राह
इंदौर जिले में करीब 2200 निजी स्कूल हैं। इनमें सीबीएसइ और एमपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त दोनों तरह के स्कूल शामिल हैं। सीबीएसई स्कूलों के संगठन सहोदय ग्रुप की सचिव कंचन तारे बताती हैं कि शासन ने प्राथमिक स्कूल खोलने की अनुमति जरूर दी है, लेकिन स्कूलों ने अभिभावकों से चर्चा की तो इसमें कुछ दशहरे बाद और कुछ दीपावली के बाद प्राथमिक स्कूल खोलने की सहमति दे रहे हैं। इस समय डेंगू की बीमारी भी फैली हुई है। ऐसे में हम बच्चों को लेकर कोई खतरा मोल लेना नहीं चाहते। साथ ही पेट्रोल-डीजल की महंगाई के कारण स्कूल बस संचालन को लेकर भी कुछ मुद्दे हैं। इन सब बातों को देखते हुए अगले सप्ताह सहोदय की बैठक रखी गई है। इस बैठक में ही स्कूल खोलने के बारे में तय किया जाएगा।