पियूष गोयल कोविड महामारी से पहले मालगाड़ी लगभग 22-23 या अधिकतम 24 किमी/घंटे की औसत गति से सामान लेकर जाती थी। हमने कोविड के समय योजना बना कर उस गति को दोगुना कर 45 किमी/घंटे किया गया।
रेलवे ने हर डिविजन में बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट खोली हैं, और ‘कस्टमर इज किंग’ को सामने रखते हुए ग्राहकों के पास जाकर उनके सामान को रेलवे द्वारा परिवहन कराते हैं। अब हम मालवाहक ट्रेनों को एक के बाद एक नही चलाते, बल्कि मालवाहक ट्रेनों को आपस में जोड़कर चलाते हैं।
उन्होंने आगे कहा, आज हम अनाकोंडा जैसी ट्रेन चलाते हैं, जो तेज रफ्तार से अपने गंतव्य तक सामान ले जाती है। मैं प्रत्येक सप्ताह डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को मॉनिटर करता हूं। अभी तक करीब 650 किमी तक यह शुरू हो चुका है। मार्च—अप्रैल तक 450 किमी और उसके बाद पूरी तरह से समाप्त हो जायेगा, और अगले वर्ष तक इसे पूरा क्रियान्वित करने में सफल होंगे।
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से भविष्य में पश्चिम बंगाल की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, तेज गति से उद्योग आयेंगे, और वहां विकास होगा। केरल में 2009 से 2014 के बीच जो पैसा निवेश होता था, वो लगभग ढाई गुना कर दिया गया है, लेकिन केरल में काम नही हो पाता है क्योंकि जमीन उपलब्ध नहीं कराई जाती।