डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने शनिवार को क्लस्टर और नोडल अधिकारियों को चेतावनी दी कि यदि उनके क्षेत्रों में पराली जलाने का एक भी मामला सामने आया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी और यह भी स्पष्ट किया कि धान की पूरी कटाई तक उन्हें कोई छुट्टी नहीं दी जाएगी। यहां जिला प्रशासकीय परिसर में डिप्टी कमिश्नर ने सुबह करीब साढ़े आठ बजे पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए गठित नोडल और क्लस्टर टीमों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की उन्होंने टीमों से उन क्षेत्रों पर अधिक ध्यान देने को कहा जहां कुछ दिनों में धान की कटाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि टीमों में से कोई भी व्यक्ति अगले सप्ताह तक छुट्टी नहीं लेगा और अधिकार क्षेत्र में ‘जीरो फार्म फायर’ सुनिश्चित करेगा। श्री सारंगल ने एस.एच.ओज. सहित अधिकारियों को नियमित तौर पर खेतों का दौरा करने और उन गांवों के सरपंचों और किसानों के साथ बैठकें करने के लिए कहा, जहां अभी कटाई होनी बाकी है। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि इस साल बाढ़ के कारण शाहकोट, लोहियां और आस-पास के प्रभावित इलाकों में धान की बिजाई देरी से हुई है, जिससे फसल की कटाई भी देरी से हो रही है। उन्होंने कहा कि अगर इन इलाकों में पराली जलाने का मामला सामने आया तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि पराली जलाने के रूझान पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन ने पहले ही जालंधर में 189 नोडल अधिकारी और 54 क्लस्टर को-आडीनेटर नियुक्त किए है। उन्होंने अधिकारियों को पराली जलाने की घटनाओं की भौतिक जांच के बाद पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (पी.पी.सी.बी.) और पंजाब रिमोट सैंसिंग सेंटर (पी.आर.एस.सी.) द्वारा विकसित ए.टी.आर. (एक्शन टेकन रिपोर्ट) मोबाइल एप्लिकेशन से रोजाना की कार्रवाई संबंधी रिपोर्ट सांझा करने को कहा। इस मौके पर अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर जसबीर सिंह, वरिंदरपाल सिंह बाजवा और मेजर डा. अमित महाजन एवं संबंधित विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।