सोशल मीडिया पर भले ही एक व्यक्ति ने तीखी टिप्पणी की लेकिन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को उसे मदद की पेशकश की. स्वराज ने ट्विटर पर एक व्यक्ति को जवाब देते हुए लिखा, ‘‘तारीफ के लिए धन्यवाद. मेरा कार्यालय आज आपसे संपर्क करेगा और आपको पासपोर्ट दिलाने में मदद करेगा.’’ इस व्यक्ति ने यह कहते हुए उनकी आलोचना की थी कि वह चौकीदार नहीं हैं और वह समय पर पासपोर्ट नहीं मिलने के चलते अपना करियर मौका गंवा बैठा.
स्वराज ने अपने ट्वीट में अपने अतिरिक्त निजी सचिव का ट्वीट टैग किया. अतिरिक्त निजी सचिव के ट्वीट में बताया गया है कि उस व्यक्ति ने 13 मार्च को पते के बिना उपयुक्त सबूत के सामान्य पासपोर्ट के लिए आवेदन दिया और उसने 20 मार्च को पते का सबूत दिया. अतिरिक्त निजी सचिव के ट्वीट में कहा गया है, ‘‘पीएसके अंधेरी ने आवेदन पुलिस सत्यापन के लिए भेजा.
पुलिस रिपोर्ट का इंतजार है.’’ बाद में उस व्यक्ति का ट्वीट और उसका ट्विटर एकाउंट नजर नहीं आया. स्वराज ट्विटर एकाउंट में अपने नाम के साथ ‘चौकीदार’ उपसर्ग जोड़ने को लेकर कुछ दिनों से उपयोगकर्ताओं के साथ संवाद चल रहा है.
शनिवार को जब ट्विटर पर एक व्यक्ति ने कहा कि वह कोई स्वराज नहीं हैं बल्कि कोई पीआर व्यक्ति उनके लिए ट्वीट कर रहा है तब विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘निश्चिंत रहिए, मैं ही हूं, मेरा कोई भूत नहीं है.’’ पिछले हफ्ते जब ट्विटर पर एक व्यक्ति ने कहा कि विदेश मंत्री और भाजपा की सबसे संवेदनशील नेता होने के बाद भी उन्होंने अपने नाम में क्यों चौकीदार शब्द जोड़ लिया,
उस पर स्वराज ने लिखा, ‘‘क्योंकि मैं विदेशों में भारतीय हितों और भारतीय नागरिकों की चौकीदारी कर रही हूं.’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के प्रहार ‘चौकीदार चोर है’ की हवा निकालने के लिए ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान शुरू किया था.