वाहनों की संख्या दुनिया भर में बढ़ती जा रही है और इसी के साथ प्रदूषण भी। यह कई तरीके से इंसानों के लिए नुकसानदेह बनता जा रहा है, लेकिन क्या आपने सोचा है कि इससे पक्षी भी प्रभावित हो रहे हैं। एक नवीन अध्ययन में सामने आया है कि ट्रैफिक के शोर से पक्षियों की उम्र सामान्य से अधिक तेजी से बढ़ने लगती है। इससे वे जल्दी बूढ़े होते हैं। अध्ययन में यह भी बताया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी इलाकों में पक्षियों पर अधिक प्रभाव पड़ता है।
जर्मनी के पक्षी विज्ञान के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट और अमेरिका स्थित नॉर्थ डकोटा स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन किया। उन्होंने मुख्यत: ऑस्ट्रेलिया में पाई जाने वाली जेब्रा फिंच पर शोर के प्रभाव को जाना। इसमें उनके टेलोमेर की लंबाई पर असर दिखाई दिया। टेलोमेर क्रोमोजोम्स के सिरों पर पाया जाता है जो जींस की हिफाजत करता है। अध्ययन में सामने आया कि ट्रैफिक के शोर से टेलोमेर की लंबाई कम होने में तेजी आती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, जेब्रा फिंच को गाड़ियों के शोर के बीच रखा गया तो इस पक्षी ने मात्र 120 दिन में ही अपना घोसला छोड़ दिया। घोसला छोड़ने के बाद उनमें टेलोमेर की लंबाई में कमी पाई गई।