अमेरिका ने अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत से उतरने की अपील की है। अमेरिका की ओर से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह बयान दिया है। ट्रंप ने कहा है कि भारत को अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट(ISIS) के खिलाफ लड़ाई में उतरना चाहिए।
व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा कि, ‘अफगानिस्तान में आतंकी संगठनों के खिलाफ लड़ाई में भारत, रूस, तुर्की, इराक और पाकिस्तान को भूमिका अदा करने की जरूरत है।’
ट्रंप ने कहा कि 7 हजार मील दूर से अमेरिका, अफगानिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ जंग लड़ रहा है जबकि बाकी देश बिल्कुल भी सहयोग नहीं दे रहे हैं।
‘ISIS के खिलाफ किसी ना किसी वक्त लड़नी होगी जंग’
अफगानिस्तान में आतंकी संगठन आइएसआइएस(ISIS) की बढ़ती गतिविधियों के सवाल पर ट्रंप ने कहा, ‘भारत वहां(अफगानिस्तान) में मौजूद हैं लेकिन लड़ नहीं रहे है। हम लड़ रहे हैं।
पाकिस्तान भी वहां है, वे लड़ तो रहे हैं लेकिन वो बहुत कम कोशिशें कर रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि यह ठीक नहीं है। जहां कहीं भी आइएसआइएस(ISIS) की मौजूदगी है, किसी ना किसी वक्त इन देशों को आइएसआइएस(ISIS) से लड़ना ही होगा। ट्रंप ने जिन देशों को नाम गिनाया, उसमें भारत, रूस, इराक, तुर्की, अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे देश शामिल हैं।
अफगानिस्तान में भारत की भूमिका को लेकर बदली रणनीति
अफगानिस्तान में भारत की भूमिका को लेकर जिस तरह ट्रंप ने यह बयान दिया है, यह अमेरिका की रणनीति में बड़े बदलाव को दिखाता है। ट्रंप की दक्षिण एशिया की रणनीति में भारत की अफगानिस्तान में भूमिका रचनात्मक और विकास कार्यों तक सीमित रही है। भारत, अफगानिस्तान में विकास कार्यों में लगातार योगदान दे रहा है।
भारत से इससे पहले अफगानिस्तान में आतंक निरोधी अभियानों में हिस्सा लेने के लिए नहीं कहा गया है और ना ही भारत खुद आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई में शामिल होना चाहता है। ऐसे में भारत को लेकर ट्रंप को बयान पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका है।