दक्षिण कोरिया में आयोजित हो रहे एपेक सम्मेलन का आज समापन हो जाएगा। इस सम्मेलन का मुख्य केंद्र गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुआ व्यापार समझौता ही रहा। इस समझौते के बाद दोनों देश ट्रेड वॉर को रोकने पर सहमत हुए हैं और दोनों अपने-अपने प्रतिबंधात्मक कदमों को वापस खींचा है। 21 एशियाई और प्रशांत महासागर के 21 देशों का एपेक सम्मेलन दक्षिण कोरिया के ग्येंगझु शहर में आयोजित हुआ।
शी जिनपिंग ने ट्रंप की मौजूदगी में बटोरीं सुर्खियां
एपेक सम्मेलन से इतर ट्रंप और जिनपिंग के बीच बैठक हुई, जिसमें व्यापार समझौते पर सहमति बनी। जिनपिंग के साथ मुलाकात के तुरंत बाद ही ट्रंप सम्मेलन से चले गए, जिसके बाद एपेक सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग आकर्षण का केंद्र रहे। जिनपिंग ने इसका फायदा भी उठाया और एपेक सम्मेलन में एलान कर दिया कि चीन वैश्विक मुक्त व्यापार और सप्लाई चेन की स्थिरता का समर्थन करेगा। जिनपिंग के इस बयान को चीन को अमेरिका के विकल्प के रूप में दिखाने के तौर पर देखा जा रहा है। जिनपिंग ने कहा कि चीन में निवेश करना, भविष्य में निवेश करना है।
चीन और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपतियों की मुलाकात
सम्मेलन के आखिरी दिन दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति की चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात होनी है। इस मुलाकात में उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम पर रोक संबंधी मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। हालांकि दोनों नेताओं की बैठक के मुद्दे पर उत्तर कोरिया ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को रोकने पर चर्चा ख्याली पुलाव है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन से मुलाकात की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन उत्तर कोरिया की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई। ट्रंप और किम जोंग उन की मुलाकात, ट्रंप के पहले कार्यकाल में साल 2018-19 में भी हुई थी, लेकिन परमाणु निरशस्त्रीकरण की कोशिशें सफल नहीं हो सकीं थी।
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