अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में नस्लीय आंदोलन का मुद्दा पूरी तरह से छा गया है। यह पूरे चुनाव प्रचार अभियान का घूरी बनता जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का मुख्य मुद्दा बनता जा रहा है। नस्लीय आंदोलन ने अमेरिका में कोरोना महामारी, विदेश नीति और अमेरिकी अर्थव्यवस्था जैसे ज्वलंत चुनावी एजेंडे को काफी पीछे ढकेल दिया है। सोमवार को केनोशा की यात्रा पर गए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक टिप्पणी पर चुनावी घमासान और तेज हो गया है। केनोशा में नस्लीय आंदोलन के विरोध में चल रहे हिंसक प्रदर्शन को राष्ट्रपति ट्रंप ने ‘घरेलू आतंक’ कह कर चुनाव के रुख को और सख्त बना दिया है। ट्रंप के इस हालिया बयान पर डेमोक्रेटिक पार्टी ने नेताओं ने कहा है कि ट्रंप के इस बयान ने केनोशा और विस्कॉन्सिन में नस्लीय हिंसा को और भड़का दिया है।
अश्वेत जैकब और पुलिस की कार्य प्रणाली पर मौन रहे ट्रंप
केनोशा पहुंचते ही ट्रंप यहां के स्थानीय नेताओं से मिले और दंगाग्रसत इलाकों का दौरा किया। अपनी इस यात्रा के दौरान ट्रंप ने केनोशा में हुए हिंसात्मक प्रदर्शन को अमेरिका विरोधी करार दिया। राष्ट्रपति ट्रप ने कहा यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन नहीं है, यह तो पूरी तरह से घरेलू आतंक है। इस मौके पर उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि इसके लिए स्थानीय प्रशासन जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी व्हाइट हाउस पर नजर गड़ाए हुए है। पूरी यात्रा के दौरान उन्होंने अश्वेत जैकब ब्लेक का कहीं भी उल्लेख नहीं किया न ही पुलिस की कार्य प्रणाली पर ही सवाल उठाए। बता दें कि केनोशा में पिछले सप्ताह एक पुलिस की कार्रवाई पर अश्वेत जैकब बूरी तरह से जख्मी हो गया था। इसको लेकर केनोशा में एक बार फिर हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की केनोशा यात्रा ही इस बाबत हुई थी।