वॉशिंगटन: माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल और गूगल समेत सिलिकॉन वैली की करीब 97 कंपनियों ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विवादित आव्रजन कार्यकारी आदेश के खिलाफ अमेरिकी अदालत का रुख किया है और इसे कानून और संविधान का ‘उल्लंघन’ बताया है.

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अदालत में रविवार को दाखिल किए गए दस्तावेज के अनुसार अमेरिका में प्रवेश करने के नियमों में अचानक किए गए बदलाव से अमेरिकी कंपनियों को बहुत नुकसान पहुंचा है. इस दस्तावेज का समर्थन ट्विटर, नेटफ्लिक्स और उबर ने भी किया है.
ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन के एक्जीक्यूटिव ऑर्डर में कहा गया था कि इराक, सीरिया, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन से कोई भी शख्स 90 दिनों तक अमेरिका नहीं आ सकेंगे. इस ट्रैवल बैन को अमेरिका की फेडरल कोर्ट ने शनिवार को सस्पेंड कर दिया था. कोर्ट के ऑर्डर को ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन ने चुनौती दी है.
फेसबुक, ई-बे, ट्विटर, नेटफ्लिक्स, उबर, इंटेल के अलावा लेवी स्ट्रॉस जैसी नॉन-टेक कंपनियां भी केस करने वालों में शामिल हैं. थिंक टैंक ज्वाइंट वेंचर के अनुमान के मुताबिक, सिलिकॉन वैली में मौजूद वर्कफोर्स में 37% मैनपावर विदेशी है. अगर इमिग्रेशन बैन से इस मैनपावर पर असर पड़ता है तो टेक कंपनियों की प्रोडक्टिविटी पर काफी हद तक असर पड़ेगा.
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आपको बता दे कि अमेरिका की एक निचली अदालत ने ट्रंप के कार्यकारी आदेश पर रोक लगा दी है लेकिन ट्रंप प्रशासन द्वारा अपने आदेश को पुनर्स्थापित करने के लिए अदालती लड़ाई लड़ने की घोषणा के बाद कंपनियों ने यह कदम उठाया है.
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