टीम में नहीं मिलती थी जगह तो कमरा बंद कर रोता था ये क्रिकेटर, अब श्रीलंका दौरे पर धमाल मचाने को है तैयार

श्रीलंका दौरे के लिए टीम इंडिया का एलान हो गया है और वनडे टीम में एक युवा तेज गेंदबाज को जगह मिली है। वह पहली बार टीम इंडिया में आए हैं। इस गेंदबाज ने कोलकाता नाइट राइडर्स को आईपीएल-2024 का खिताब दिलाेने में अहम रोल अदा किया था और इसी कारण परिणाम उन्हें मिला है। इस खिलाड़ी ने अपनी सफलता का श्रेय गौतम गंभीर को दिया है।

भारत को इसी महीने श्रीलंका दौरे पर जाना है। इस दौरे के लिए बीसीसीआई की सीनियर सेलेक्शन कमेटी ने गुरुवार को टी20 और वनडे टीम का एलान कर दिया। रोहित शर्मा, विराट कोहली और जसप्रीत बुमराह को इस दौरे से आराम दिए जाने की खबरें थीं लेकिन रोहित-विराट को आराम नहीं दिया गया। बुमराह को जरूर आराम मिला है और उनकी जगह टीम में आया है कोलकाता नाइट राइडर्स को आईपीएल-2024 का खिताब दिलाने में अहम रोल निभाने वाला खिलाड़ी। नाम है हर्षित राणा।

हर्षित राणा ने आईपीएल-2024 में 13 मैचों में कुल 19 विकेट लिए और वह सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की लिस्ट में संयुक्त रूप से चौथे स्थान पर रहे। इसी का नतीजा रहा कि राणा को बुमराह की जगह टीम में चुना गया। राणा ने बीते कुछ सालों में घरेलू क्रिकेट में लगातार प्रभावित किया है लेकिन उनकी सोच और खेल में बड़ा अंतर तब आया जब केकेआर में वह गौतम गंभीर के अंडर में रहे। वही गंभीर अब टीम इंडिया के हेड कोच हैं और वह राणा को बुमराह की जगह लेकर आए हैं।

गंभीर ने बदली मानसिकता
राणा ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा कि गंभीर के साथ केकेआर में काम करने से उनका नजरिया बदला और वह अपने खेल को बेहतर कर सके। राणा ने कहा कि उनको यहां तक पहुंचाने में उनके पिता, उनके कोच अमित भंडारी और गंभीर का अहम रोल रहा है। राणा ने कहा, “अगर गेम के प्रति मेरा नजरिया बदला है तो इसकी बहुत बड़ी वजह गौती भइया (गौतम गंभीर) की केकेआर में मौजूदगी रही है। उन्होंने मेरा माइंडसेट बदल दिया। इलीट लेवल पर आपको स्किल्स चाहिए होती हैं, लेकिन इससे ज्यादा आपको दबाव झेलने के लिए हिम्मत चाहिए होती है।”

उन्होंने कहा, “अगर आप दबाव के बारे में पूछेंगे तो, ये गौतम गंभीर की सलाह थी। वह मुझसे कहते थे कि ज्यादा से ज्यादा बुरी चीज क्या होगी। आपको रन पड़ेंगे और हम मैच हार जाएंगे। लेकिन अगर तुम अपने डर का सामना नहीं करोगे तो उससे बाहर कैसे निकलोगे।”

कमरा बंद कर रोते थे राणा
राणा ने बताया कि वह मेहनत करना पसंद करते हैं लेकिन जब मेहनत के बाद भी उन्हें आयु-वर्ग क्रिकेट में टीम में जगह नहीं मिलती थी तो वह कमरा बंद कर रोते थे। उन्होंने कहा, “मैं कड़ी मेहनत करने में यकीन करता हूं, लेकिन जब एज ग्रुप क्रिकेट में मुझे टीम में जगह नहीं मिलती थी तो मैं काफी दुखी होता था। मैं अपने कमरे में बैठा रहता था और रोता था।”

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