भारत व ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में खेले जाने वाले तीसरे टेस्ट मैच से पहले बॉयो-बबल प्रोटोकॉल के उल्लंघन का विवाद सामने आ गया। 2 जनवरी को खबर सामने आई कि टीम इंडिया के 5 खिलाड़ियों ने जैव-सुरक्षा घेरे को तोड़ने की कोशिश और मामले में तूल पकड़ लिया। फिलहाल बीसीसीआइ और सीए इस मामले की जांच कर रही है और भारतीय टीम मैनेजमेंट ने साफ तौर पर अपने खिलाड़ियों द्वारा किसी भी नियम के उल्लंघन की बात को खारिज कर दिया है।
इस मामले में बाद एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक अजिंक्य रहाणे की कप्तानी वाली टीम इंडिया चौथे टेस्ट मैच के लिए ब्रिस्बेन जाने की इच्छुक नहीं है। दोनों देशों के बीच ब्रिसबेन में 15 जनवरी से चौथा टेस्ट मैच खेला जाना है। टीम इंडिया के एक सूत्र ने क्रिकबज से बात करते हुए कहा कि, अगर आप देखो तो हम सिडनी में लैंड करने से पहले दुबई में 14 दिनों तक क्वारंटीन थे। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया आते ही फिर से हमें 14 दिनों की जरूरी क्वारंटाइन अवधि पूरी करनी पड़ी। इसका ये मतलब है कि हम लगभग एक महीने तक हार्ड बबल में रहे और अब हम नहीं चाहते कि इस टूर के अंत में फिर से हमें क्वारंटाइन होना पड़े।
उस सूत्र ने आगे कहा कि, हम ब्रिस्बेन जाने को उत्सुक नहीं हैं क्योंकि अगर हम वहां गए तो फिर से हमें होटल में कैद कर दिया जाएगा और सिर्फ मैदान पर जाने की इजाजत होगी। अगर ये टेस्ट दूसरे शहर में हो तो हमें कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि हम अगले दो टेस्ट मैच खत्म करके अपने घर वापस लौटना चाहते हैं। सूत्र ने आगे कहा कि, मौजूदा हालात की जटिलता को हम अच्छी तरह से समझते हैं। हम क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के साथ हर तरह से सहयोग कर रहे हैं कि, किसी भी तरह से प्रोटोकॉल का उल्लंघन ना हो, लेकिन हम चाहते हैं कि जब हमने एक बार सिडनी में शुरुआती क्वारंटाइन अवधि पूरी कर ली है तो हमारे साथ भी नॉर्मल ऑस्ट्रेलियन की तरह बर्ताव किया जाए।
सूत्र ने कहा कि, हमारी टीम में अलग-अलग राज्यों के खिलाड़ी हैं जो पिछले कई महीनों से लॉकडाउन और बॉयो बबल में ही हैं और ये आसान नहीं होता है। अगर आप देखें तो इस महामारी के दौरान भी हमने दौरे के लिए किसी तरह का कोई मुद्दा नहीं उठाया। अब एक बार फिर से हम हार्ड बबल में नहीं जाना चाहते हैं क्योंकि ब्रिसबेन में ऐसा ही होने वाला है।