भारतीय क्रिकेट टीम के तूफानी बल्लेबाजी और टीम इंडिया के ओपनर बैट्समैन रहे वीरेंद्र सहवाग आज अपना 42वां जन्मदिन मना रहे हैं। 20 अक्टूबर 1978 को जन्मे सहवाग ने अपनी बल्लेबाजी का ऐसा जादू बिखेरा कि वे क्रिकेट प्रेमियों के दिलों पर राज करने लगे। सहवाग की आतिशी बल्लेबाजी की लोग आज भी तारीफ करते नहीं चूकते हैं। सहवाग क्रीज पर होते थे तो उनके खेलने के स्टाइल से दुनिया का हर गेंदबाज डरता था।
सहवाग ने अपने क्रिकेट करियर में कई बेमिसाल रिकॉर्ड बनाएं हैं। सहवाग के रिकॉर्ड को तोड़ना तो दूर कोई उनकी बराबरी भी नहीं कर पाया। सहवाग एकमात्र ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने बतौर कप्तान वनडे मैच में दोहरा शतक जमाया है। दुनिया का कोई भी क्रिकेट खिलाड़ी आज तक उनकी ये रिकॉर्ड को नहीं छू पाया है। इसके अलावा सहवाग टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक जमाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज भी हैं।
भारतीय क्रिकेट इतिहास में 8 दिसंबर 2011 का दिन वीरेंद्र सहवाग के नाम से दर्ज है। इस दिन सहवाग ने वेस्टइंडीज के खिलाफ इंदौर के होल्कर स्टेडियम में अपने करियर का पहला दोहरा शतक जड़ा था। वनडे इंटरनेशनल में किसी भारतीय क्रिकेटर का दूसरा दोहरा शतक था। सचिन तेंदुलकर के बाद ऐसा करने वाले वह दूसरे भारतीय बने थे। वनडे मैच में बतौर कप्तान दोहरा शतक जड़ने वाले सहवाग दुनिया के इकलौते कप्तान हैं।
सहवाग ने होल्कर स्टेडियम में वेस्टविंडीज के खिलाफ खेले इस मैच में सिर्फ 149 गेंदों पर 219 रन की शानदार पारी खेली थी। इस मैच में उन्होंने 25 चौके और 7 छक्के जड़े थे। इस मैच में भारत ने वेस्टइंडीज के सामने 418 रन बनाए थे और 153 रन की बड़ी जीत हासिल की थी। सहवाग ने इस मैच में टीम की कमान संभाली थी और अपने वनडे करियर की सबसे बड़ी और यादगा पारी खेली थी।
इससे पहले सचिन तेंदुलकर ने 24 फरवरी 2011 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे वनडे में नाबाद 200 रन की पारी खेली थी।
सहवाग ने टेस्ट क्रिकेट में पहला तिहरा शतक जड़ने का कीर्तिमान भी बनाया है। पाकिस्तान के मुल्तान में उन्होंने साल 2004 में 309 रन की बेहतरीन पारी खेली थी। इस मैच में उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ तिहरा शतक जमाकर इतिहास रच दिया था। उन्होंने 364 गेंदों में 309 रन की पारी खेली। इस मैच में भारतीय टीम ने पाकिस्तान के खिलाफ पारी और 52 रन से जीत दर्ज की थी।
सहवाग ने 38 चौके और 6 छक्कों की मदद से अपने टेस्ट करियर का पहला तिहरा शतक लगाया था। इससे पहले भारत की ओर से टेस्ट क्रिकेट में कभी किसी खिलाड़ी ने तिहरा शतक नहीं लगाया था। इस मैच के बाद से वीरेंद्र सहवाग ‘मुल्तान के सुल्तान’ कहलाने लगे।