प्रज्ञान ओझा ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. 33 साल के इस बाएं हाथ के स्पिनर ने शुक्रवार को सभी तरह के क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की. उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट शेयर कर अपने रिटायरमेंट के बारे में बताया.
प्रज्ञान ओझा ने ट्वीट कर लिखा, ‘यह मेरे जीवन के अगले चरण में आगे बढ़ने का समय है. सभी का प्यार और समर्थन हमेशा मेरे साथ रहेगा और मुझे हर समय प्रेरित करेगा.’
प्रज्ञान ओझा ने भारत की ओर से 24 टेस्ट मैचों में 113 विकेट निकाले, जबकि 18 वनडे इंटरनेशनल में उन्होंने 21 विकेट चटकाए. 6 टी-20 इंटरनेशनल में उनके हिस्से 10 विकेट आए.
उन्होंने आखिरी टेस्ट वेस्टइंडीज के खिलाफ मुंबई में नवंबर (14-16) 2013 में खेला, जो सचिन तेंदुलकर के करियर का आखिरी टेस्ट मैच था. ओझा का टेस्ट करियर चार साल (2009-2013) का रहा.
मजे की बात है कि सचिन का विदाई टेस्ट प्रज्ञान ओझा का भी आखिरी टेस्ट मैच साबित हुआ. इसके बाद उन्हें भारतीय टीम की ओर से दोबारा खेलने का मौका नहीं मिला.
अपने अंतिम टेस्ट में ओझा ने कुल 10 विकेट (5/40, 5/49) चटाकाए थे और प्लेयर ऑफ द मैच रहे. प्रज्ञान ओझा की फिरकी की बदौलत सचिन के उस विदाई मैच को भारत ने पारी और 126 रनों से जीता था.
दिसंबर 2014 में प्रज्ञान ओझा को संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन की वजह से प्रतिबंधित कर दिया गया था. जिसके बाद उन्हें अपने एक्शन में सुधार के लिए रिहैबिलिटेशन के दौर से गुजरना पड़ा. आखिरकार जनवरी 2015 को ओझा को दोबारा गेंदबाजी करने की अनुमति मिल गई.