यह प्रॉजेक्ट गूगल लूनर एक्सप्राइज की वैश्विक चुनौती का हिस्सा है जिसमें टीमइंडस इकलौती भारतीय कंपनी है। लूनर एक्सप्राइज के तहत चांद की सतह पर अंतरिक्ष यान उतारने, 500 मीटर तक चलाने और फोटो, विडियो पृथ्वी पर वापस भेजने के लिए लगभग 204 करोड़ रुपए की फंडिंग मिलेगी। साथ ही यह कंपनी गणतंत्र दिवस के दिन चांद पर तिरंगा फहराना चाहती है।
इसरो के चैयरमैन एएस किरण कुमार ने कहा, ‘हम देखना चाहते हैं कि भारत के ज्ञान का प्रयोग दुनिया के लिए किया जा सकता है।’ टीमइंडस में इन्वेस्ट करने वालों में रतन टाटा, नंदन निलकेणी, सचिन बंसल और बिन्नी बंसल समेत कई बड़े नाम शामिल हैं। टीमइंडस के स्पेसक्राफ्ट को बेंगलुरु में 100 लोगों की इंजिनियरिंग टीम (जिसमें 20 रिटायर्ड इसरो वैज्ञानिकों शामिल थे) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।
28 दिसंबर 2017 को लॉन्च की उलटी गिनती शुरू हो जाएगी। पीएसएलवी से पृथ्वी की ऑरबिट में स्पेसक्राफ्ट को इंजेक्ट किया जाएगा। जिसके बाद 21 दिनों के सफर के बाद स्पेसक्राफ्ट चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंड करेगा।