सोने की ऊंची कीमतों के साथ मिलावट और तस्करी बढ़ गई है। विदेशी बाजारों से नकली ब्रांड की सोने की छड़ों को खपाया जा रहा है और सस्ती कीमत पर बेचा जा रहा है।
रॉयटर्स ने रिफायनरी, बैंक और बाजार के सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि सोने की शुद्धता करने वाली बड़ी रिफायनरियों के लोगो की फर्जी मुहर लगा कर दुनिया भर में बेची जा रही है और इसके जरिये गैरकानूनी ढंग से खनन किए गए या तस्करी कर लाए गए सोने को खपाया जा रहा है। सीमा शुल्क या अन्य अधिकारियों के लिए भी इनकी पहचान मुश्किल है।
स्विस रिफायनरी के नकली मुहर लगा करीब 350 करोड़ का सोना तीन साल में बाजार में बेचा गया। सोने के सबसे बड़े भंडार रखने वालों में से एक जेपी मॉर्गन चेस के स्टॉक में पहुंचने के बाद यह गड़बड़ी पकड़ में आई। यह सोना 99.99% की जगह 99.90 प्रतिशत शुद्धता का है, जो मिलावट का संकेत है।
भारत के लिए बड़ी चुनौती
भारत में सोने पर भारी टैक्स के कारण तस्करी बड़ी चिंता है। इंडियन ज्वैलरी एंड बुलियन एसोसिएशन की दिल्ली शाखा के अध्यक्ष योगेश सिंघल का कहना है कि भारत में दुनिया के मुकाबले सोने की कीमत में करीब 15.5 फीसदी ज्यादा है। 12.5 फीसदी आयात शुल्क और तीन फीसदी टैक्स से भारत में इसकी कीमत बढ़ जाती है।
कारोबारियों की चिंता
फर्जीवाड़े ने 24 कैरेट शुद्धता का सोना तैयार करने वाली रिफायनरी, कारोबारियों और बैंकों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। बैंक, रिफायनरी, डीलर और खुदरा कारोबारियों के बीच किलोबार में ही सोने का कारोबार करते हैं। लोगो में रिफायनरी के लोगो, उसकी शुद्धता, वजन और विशेष नंबर होता है, फिर भी गड़बड़ी हो रही है।