सेना प्रमुख (COAS) जनरल मनोज पांडे ने कहा कि भारतीय सेना (Indian Army) जोशीमठ में भूं-धंसाव (Land Subsidence) के पीड़ितों की मदद करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए भारतीय सेना के रणबांकुरे 24 घंटे अलर्ट मोड पर हैं।
स्थानीय लोगों को मदद पहुंचाने के लिए सेना की ओर से अस्पताल, हेलीपैड आदि सिविल प्रशासन को दिए हैं। आदेश मिलते ही रेस्क्यू ऑपरेशन को तुरंत ही शुरू किया जाएगा, ताकि भूं-धंसाव पीड़ितों को अस्थाई तौर स्थानांतरित किया जा सके। आर्मी चीफ पांडे ने बताया कि सेना ने अस्थाई तौर पर जवानों को स्थानांतरित कर दिया है।
आने वाले दिनों में अगर जरूरत महसुस हुई तो इंडियन आर्मी के जांबाज सैनिक औली में भी स्थाई तौर पर तैनात किए जाएंगे। बताया कि जोशीमठ से माणा जाने वाली रोड पर कुछ दरारें हैं, जिसे बीआरओ (BRO) ठीक कर रहा है। इससे हमारी ‘ऑपरेशनल रेडीनेस’ (Operation Readiness) पर कुछ असर नहीं पड़ा है।
सेना प्रमुख ने कहा कहा कि चाहे खराब मौसम हो, या फिर सड़क टूटी हुई हो, भारतीय सेना प्रभावितों की मदद करने के लिए चौबीसों घंटे तैयार है, और आपात स्थिति में रिस्पांस टाइम को कम करते हुए तुरंत ही पीड़ितों को बचा लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाईलेवल बैठक की
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुनील आइटीबीपी कैंप में सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, और भूं-धंसाव की जांच में लगे विभिन्न एजेंसी के वैज्ञानिकों, जिला प्रशासन, पुलिस एवं आवश्यक सेवाओं से जुड़े जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। सीएम ने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा हमारी सबसे बडी जिम्मेदारी है।
उन्होंने लोगों की सुरक्षा के दृष्टिगत सभी इंतेजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी को आपदा की घड़ी में शासन प्रशासन के साथ तालमेल बनाकर काम करने की बात कही। उन्होंने कहा कि जो लोग प्रभावित हैं, उनकी जान माल की सुरक्षा करते हुए उनके लिए आगे का रास्ता बनाना हमारी प्राथमिकता है।
सीएम ने कहा की जिन लोगों के मकान, दुकान, व्यवसाय प्रभावित हुए है उन सभी को अंतरिम सहायता के रूप में 1.50 लाख तत्कालीक रूप से दिए जा रहे हैं। प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए सरकार हर संभव मदद करेगी। कतिपय लोग जोशीमठ को लेकर गलत माहौल बना रहे है। इससे हमारे लोगों का नुकसान हो रहा है उनकी आर्थिकी प्रभावित हो रही है।
अमित शाह ने धामी से लिया फीडबैक
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से दूरभाष पर वार्ता कर जोशीमठ आपदा में प्रभावित परिवारों के लिए चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन एवं वर्तमान स्थितियों का फीडबैक लिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भी पल-पल एनडीएमए व अन्य एजेंसियों के भी संपर्क में है। उन्होंने सीएम धामी को लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के भी निर्देश दिए हैं।
जोशीमठ में 723 मकानों-होटलों में आ चुकीं हैं दरारें
जोशीमठ में क्षतिग्रस्त भवनों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, दरार वाले भवनों की संख्या 723 हो गईं हैं। बीते रोज यह संख्या 678 थी, लेकिन ही दिन में मंगलवार को भूधंसाव वाले क्षेत्र में 44 नए मकानों में दरारें आ गईं थीं। भवनों के क्षतिग्रस्त होने के बढ़ते आंकड़े से स्थानीय लोगों में डर का माहौल है। शासन स्तर पर संवेदनशील क्षेत्रों को पूरी तरह से खाली कराने के निर्देशों के बाद 50 और परिवारों को दूसरे सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।