बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के उत्तर प्रदेश पहुंचते ही उस पर शिकंजा कसा जाना शुरू हो गया है. यूपी की एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने 21 साल पुराने एक मामले में मुख्तार को तलब किया है. 12 अप्रैल को आरोप तय करने के लिए मुख्तार को तलब किया गया है. कोर्ट ने पहले भी तलब होने का आदेश दिया था, लेकिन मुख्तार पेश नहीं हुआ था.
दरअसल, 21 साल पहले लखनऊ जेल में मुख्तार अंसारी और उनके गुर्गों पर जेल अधिकारियों पर हमला करने का आरोप है. इस मामले में मुख्तार अंसारी के अलावा यूसुफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित और लालजी यादव आरोपी हैं. विशेष न्यायाधीश पीके राय अब यूसुफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित और लालजी यादव के खिलाफ आरोप तय करने के लिए तैयार हैं।
चिश्ती और आलम पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं, जबकि पंडित और यादव जमानत पर हैं. चूंकि मुख्तार अंसारी अदालत में पेश नहीं हो रहे थे, इसलिए मामले के आरोपियों के खिलाफ आरोप तय नहीं हो पा रहे थे. अदालत ने यूपी पुलिस के शीर्ष अधिकारियों को बार-बार लिखा था और पंजाब के जेल अधिकारियों को अंसारी को पेश करने का निर्देश दिया था.
इस मामले में प्राथमिकी 3 अप्रैल, 2000 को लखनऊ के आलमबाग पुलिस स्टेशन के जेलर एसएन द्विवेदी ने दर्ज कराई थी. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि उस दिन कुछ बंदियों को अदालत में सुनवाई के बाद वापस जेल लाया गया था. अंसारी के लोगों ने एक बंदी चांद के साथ मारपीट शुरू कर दी.
एफआईआर के मुताबिक, हंगामा सुनकर जेलर एसएन द्विवेदी, डिप्टी जेलर बैजनाथ राम चौरसिया और कुछ अन्य लोग वहां पहुंचे और चांद को बचाने की कोशिश की. इसके बाद मुख्तार अंसारी और उनके गुर्गों ने जेल अधिकारियों के साथ भी बुरी तरह से मारपीट की, उन्हें तब ही बचाया जा सका जब अलार्म बजाया दया.
मामले में अन्य आरोपियों के साथ मुख्तार अंसारी का नाम था. जांच के बाद सभी आरोपियों पर विभिन्न धाराओं के तहत आरोपपत्र दायर किया गया. अब मुख्तार अंसारी को कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां आरोप तय किए जाएंगे.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal
