दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने आज बच्चियों के हाथ से जूस पीकर अपना अनशन तोड़ दिया. स्वाति उन्नाव और कठुआ में गैंगरेप की घटनाओं के विरोध में अनशन कर रहीं थीं.
अनशन तोड़ने के बाद स्वाति ने कहा कि मेरी तबीयत ठीक है, लेकिन पीएम नहीं मानते तो लंबा अनशन चलता. मेरी तबीयत ठीक नहीं है तो अस्पताल में रहना होगा. अस्पताल से निकलने के बाद एक सिस्टम तैयार करेंगे ताकि महिलाएं सुरक्षित रहें. इस दौरान मंच पर निर्भया के माता पिता के अलावा नेता अली अनवर भी आए.
स्वाति ने कहा कि अनशन की कोई रणनीति नहीं थी, लेकिन पूरा देश साथ आ गया. चेन्नई से लेकर नागालैंड तक का हर इंसान इस लड़ाई से जुड़ा. प्रधानमंत्री जी को विदेश से आते ही कैबिनेट की मीटिंग बुलानी पड़ी और सख्त कानून पास किया. कानून कहता है कि छोटे बच्चों के बलात्कारियों को हर हाल में फांसी की सजा होगी, फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट बनेंगे और 6 महीने में सजा होगी. यह ऐतिहासिक जीत हम सबकी है. यह जीत लाखों निर्भया की है, जो हमारे बीच में नही हैं. ऐसी निर्भया भी हैं जो क्रूरता की वजह से देश छोड़कर चली गईं.
स्वाति ने कहा कि संघर्ष बेहद लंबा है. 3 महीने में कानून लागू नहीं आया तो दोबारा लड़ेंगे. हमें घर और स्कूल में लोगों को जागरूक करना होगा. बलात्कार पर चुप्पी तोड़नी होगी. मैं अंतिम दम तक लड़ती रहूंगी.
पिछले दस दिनों के दौरान अनशन स्थल राजघाट पर स्वाति से मिलने के लिए कई बड़ी सामाजिक-राजनीतिक हस्तियां पहुंची थीं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जेडीयू सांसद अली अनवर के अलावा भाजपा के बागी नेता शत्रुघ्न सिन्हा भी स्वाति से मिलने पहुंचे चुके हैं. केजरीवाल ने जब उनसे अनशन तोड़ने की अपील की तो स्वाति ने कहा था कि मैं जानती हूं कि पीएम मोदी जिद्दी हैं, लेकिन मैं भी उन्हीं की बेटी हूं, अगर वे जिद्दी हैं तो मैं ज्यादा जिद्दी हूं.
केंद्र के फैसले पर स्वाति मालीवाल ने कहा कि अध्यादेश में लिखा है कि 12 साल तक की बच्ची से बलात्कार पर फांसी की सजा होगी और मामले की सुनवाई 6 महीने में पूरी होगी. देशभर में नए फास्ट ट्रैक कोर्ट और स्पेशल टीमें बनाई जाएंगी, जो रेप केस की जांच करेंगी.
मालीवाल ने ये भी कहा कि मैं प्रधानमंत्री का आभार प्रकट करती हूं. अनशन ख़त्म होगा, लेकिन संघर्ष जारी रहेगा. इससे पहले पॉक्सो एक्ट में संशोधन पर मालीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहला कदम उठाया है.
उन्होंने कहा कि मैं इस फैसले का स्वागत करती हूं, ये आपकी मेहनत जज़्बे और तपस्या का नतीजा है. मालीवाल ने कहा कि शनिवार सुबह प्रधानमंत्री को खत लिखा था कि कानून सैकड़ों हैं, लेकिन उन्हें लागू कैसे किया जाए, ये बड़ी बात है, देश में और फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट बनेंगे तो अच्छा होगा.
इससे पहले स्वाति ने कहा था कि हमारी 4 मांगें हैं, उनमें से एक मांग फांसी की है. अगर ऐसा होता है तो आंदोलन की जीत मानूंगी. इस देश में सैकड़ों कानून हैं, लेकिन उन्हें लागू करने के लिए जरूरी संसाधनों का अभाव है. ऐसे में इन कानूनों का कोई अर्थ नहीं रह जाता है.