लखनऊ, गाज़ीपुर, अमेठी, आजामगढ़, फैजाबाद, बाराबंकी, मऊ, अम्बेडकरनगर और सुल्तानपुर होते हुए गाजीपुर तक प्रस्तावित पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का निर्माण सितंबर में शुरू करने की तैयारी है। एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए चुनी गईं विकासकर्ता कंपनियों ने निर्माण के लिए 30 जुलाई तक अनुबंध करने पर सहमति दे दी है। अगस्त महीने में निर्माण शुरू होने की तारीख तय कर दी जाएगी। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए चुनी विकासकर्ता कंपनियों के प्रतिनिधि और अथॉरिटी इंजीनियर्स के साथ बैठक में आगे की तैयारियों को अंतिम रूप दे चुके हैं। 
- सबसे लंबा एक्सप्रेस-वेः पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होगा। यह लखनऊ के चंदसराय से गाज़ीपुर के हैदरिया को जोड़ेगा। एक्सप्रेस-वे को अलग लिंक रोड से वाराणसी से भी जोड़ा जाएगा।
- समय-ईंधन की बचतः पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से प्रदूषण स्तर, समय बचाने, ईंधन की बचत, दुर्घटनाओं में कमी के साथ-साथ कई लाभ प्रदान करने की संभावना है। यात्रा समय पांच घंटे तक कम होने की उम्मीद की जा रही है।
- नौ जिलों को कनेक्टीविटीः पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे यूपी के 9 जिलों को कनेक्टिविटी देगा। 165 किमी लंबे आगरा-ग्रेटर नोएडा यमुना एक्सप्रेसवे और 302 किमी लंबे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के जरिए राष्ट्रीय राजधानी में भी जोड़ेगा।
- आठ लेन विस्तार योग्यताः उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, जिसे इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) मोड पर बनाया जा रहा है, आठ लेन तक विस्तार योग्य होगा।
- औद्योगिक गलियाराः आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़ने के बाद पूर्वांचल एक्सप्रेसवे विशाल औद्योगिक गलियारा बन जाएगा। यह पूर्वी उत्तर प्रदेश को पश्चिमी सीमा से जोड़ देगा, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के समग्र विकास होगा।
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