जीसी मुर्मू नियंत्रक और महालेखा परीक्षक पद पर पांच साल तक अपनी सेवा देगे: केंद्र सरकार

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल पद से इस्तीफा देने वाले गिरीश चंद्र मुर्मू को सरकार ने भारत का नया नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) नियुक्त किया है. जीसी मुर्मू राजस्थान कैडर के 1978-बैच के आईएएस अधिकारी रहे राजीव महर्षि की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल आज यानी 7 अगस्त को पूरा हो रहा है.

डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स के एक नोटिफिकेशन में कहा गया है, “राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जीसी मुर्मू को सीएजी के रूप में नियुक्त किया है.’ इस नियुक्ति से एक दिन पहले ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल के रूप में तैनात जीसी मुर्मू का इस्तीफा स्वीकार किया था.

1985 बैच के आईएएस अधिकारी जीसी मुर्मू ने बुधवार को अचानक अपना इस्तीफा सौंप दिया था. खास बात है कि जिस दिन जीसी मुर्मू ने अपना इस्तीफा दिया, उस दिन जम्मू-कश्मीर धारा 370 हटने और केंद्र शासित प्रदेश बनने की पहली बरसी मना रहा था. उनकी जगह पर पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल बनाया गया है.

गुजरात कैडर के 60 वर्षीय पूर्व आईएएस अधिकारी जीसी मूर्मु ने पिछले साल 29 अक्टूबर को जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल के रूप में पदभार संभाला था. जीसी मुर्मू वित्त मंत्रालय में व्यय सचिव थे, जब उन्हें जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल के दौरान जीसी मुर्मू ने प्रधान सचिव की जिम्मेदारी संभाली थी. सीएजी को छह साल की अवधि के लिए नियुक्त किया जाता है या जब तक कि 65 वर्ष की आयु नहीं हो जाती, जो भी पहले हो. इसका मतलब है कि जीसी मुर्मू इस पद पर पांच साल तक अपनी सेवा दे सकते हैं.

संवैधानिक पदाधिकारी के रूप में सीएजी को मुख्य रूप से केंद्र और राज्य सरकारों के खातों के लेखा परीक्षा की जिम्मेदारी सौंपी जाती है. सीएजी रिपोर्ट संसद और राज्यों की विधानसभाओं के समक्ष रखी जाती है.

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