आचार्य चाणक्य को भारत का महान अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ का दर्जा दिया गया है. आप सभी को बता दें कि आचार्य चाणक्य ने बहुत सी ऐसी बातें बताई हैं जो बहुत लाभदायक है और अगर उन्हें अपने जीवन में उतार लिया जाए तो जीवन का कल्याण हो सकता है. एक बार चाणक्य ने श्लोक में कहा है कि सत्य बोलने वाला हमेशा विजय होता है. जो व्यक्ति सत्य को माता बना लेता है, उसके रास्ते खुद बन जाते हैं. सत्य बोलने वाला व्यक्ति सबका प्रिय होता है और हमेशा खुश रहता है. मनुष्य के अवगुणों को दूर करने का सबसे उपयुक्त साधन सत्य है.सत्य एक ऐसी दवा है जो व्यक्ति में कभी रोग नहीं देती.

इसी के साथ चाणक्य ने कहा है कि ज्ञान को हमेशा पिता के समान मानना चाहिए. पैसा आता-जाता रहता है लेकिन ज्ञान हमेशा आपके पास रहता है. मनुष्य के जीवन में ज्ञान से बढ़कर कोई नहीं है. ज्ञान प्राप्ति में कभी कंजूसी नहीं करनी चाहिए और न ही किसी को ज्ञान देने में कंजूसी करनी चाहिए. चाणक्य ने यह भी कहा हैं कि जो व्यक्ति अच्छे काम करते धर्म का संचय करता है, उसका जन्म सफल होता है. धर्म मनुष्य के जीवन को सकारात्मक बनाता है. धर्म को हमेशा भाई की तरह मानना चाहिए, जिससे वह अपने हर कर्म को पूरा करता जाए.
चाणक्य ने मनुष्य के मन में दया के भाव को सभी धर्मों से ऊंचा स्थान दिया है और प्राणी पर दया करने वाला व्यक्ति कभी पाप कर्म की ओर नहीं बढ़ता, इससे बड़ा ज्ञान और क्या हो सकता है. दया को मित्र के समान मानना चाहिए और उसका साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए. जिस प्रकार मित्र की हर परिस्थिति मदद की जाती है, उसी प्रकार दया ही मनुष्य को सफल बनाती है. चाणक्य ने यह भी कहा है कि व्यक्ति को हमेशा शांत और संतोष स्वभाव का होना चाहिए. जो व्यक्ति शांत रहता है, उसके जीवन में सफलता के कई मार्ग खुलते हैं. शांत मन से लिया निर्णय हमेशा लाभदायक होता है. जो व्यक्ति शांति को पत्नी की तरह रखता है, उसकी जीवन में कोई समस्या नहीं होती. किसी की गलती के लिए क्षमा करना करना बहुत बड़ा पुण्य माना जाता है. हमारी संस्कृति हमें क्षमा करने की शिक्षा देती है. जो व्यक्ति क्षमा को संतान के समान मानता है, उसे जीवन में कष्टों का सामना नहीं करना पड़ता. कोई गलती हो जाए तो तुंरत क्षमा मांगने में देरी नहीं करनी चाहिए.
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