रत्नों की शक्ति के बारे में तो हम सभी ही जानते हैं. जो लोग इन रत्नों पर विश्वास करते हैं वो उनको धारण भी करते हैं. अलग-अलग रत्नों के अलग-अलग असर होते हैं. हमारे जीवन में रत्नशास्त्र और ज्योतिषशास्त्र का विशेष महत्व होता हैं. माना जाता है कि लहसुनिया केतु का रत्न का स्वामी केतु ग्रह होता हैं.

आप शायद ही जानते होंगे कि संस्कृत में इसे वैदुर्य, विदुर रत्न, बाल सूर्य, उर्दू फारसी में लहसुनिया और अंग्रेजी में कैट्स आई कहा जाता हैं. आपको बता दें कि अगर आपकी जिंदगी में कोई भी परेशीनी है जैसे चोट लग जाए, मन में कोई दुर्घटना का भय बना रहे और जीवन में उन्नति और सफलता के मार्ग बंद हो तो समझ जाना चाहिए कि ऐसा केतु के कारण हो रहा है.
जी हाँ, इसमें रत्न ज्योतिष के मुताबिक जन्मकुण्डली के अदंर जब भी केतु आपकी परेशानी की वजह बने तो लहसुनिया रत्न धारण करना लाभकारी होता हैं और केतु रत्न लहसुनिया अचानक आने वाली परेशानी समस्याओं से व्यक्ति को निजात दिलाता हैं और तुरंत फायदा भी कराता हैं. यह रत्न केतु के दुष्प्रभाव को शीघ्र ही समाप्त करने में सक्षम हैं. आप सभी को बता दें कि इस रत्न की वजह से मनुष्य के जीवन में परेशानियों से मुक्ति मिल जाती हैं.
आइए आपको बताते हैं लहसुनिया रत्न की पहचान – कहा जाता है इस रत्न में सफेद धारियां होती हैं जिनकी संख्या आमतौर पर दो, तीन या फिर चार होती हैं वही जिस लहसुनिया में ढाई धारी पायी जाती हैं. इसी के साथ यह उत्तम माना जाता हैं और यह सफेद, काला, पीला सूखे पत्ते सा और हरे चार तरह के रंगो में पाया जाता हैं. वहीं इन सभी पर सफेद धारियां अवश्य ही होती हैं ये धारियां कभी कभी धुएं के रंग की भी होती हैं.
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