वास्तु जीवन में बेहद उपयोगी है। घर का निर्माण वास्तु अनुसार होने से आपको बेहद सुकून मिलता है। यही नहीं वास्तु अनुसार किए गए निर्माण से आपके घर की चहार दीवारी में सकारात्मक उर्जा का प्रभाव बढ़ता है और नकारात्मक उर्जा दूर होती है। इस सकारात्मक उर्जा को पाकर आप बेहद सुकून महसूस करते हैं। यदि आपको अपनी रसोई घर के बचे स्थान को स्टोर रूम की तरह उपयोग करना हो तो इसके लिए केवल ईशान और आग्नेय कोण के बीच का स्थान ही उपयुक्त होगा।
दरअसल रसोई घर में मां अन्नपूर्णा और अग्निदेव का वास होता हैं ऐसे में आग्नेय कोण और ईशान कोण का सही उपयोग करना चाहिए। दरअसल ईशान कोण या ईशान दिशा ईश्वर की मानी जाती है। इसी कोण में भगवान स्थापित किए जाते हैं, इसलिए रसोई घर के ईशान कोण को बेहद साफ रखना चाहिए, दूसरी ओर चूल्हा, गैस आदि आग्नेय कोण में ही रखना चाहिए क्योंकि यह अग्नि का स्थान होता है। वास्तुदोष से बचने के लिए दरवाजे और खिड़कियों की संख्या विषम न हो। इस नियम के अनुसार दरवाजे और खिड़कियां 2, 4, 6, 8 होना चाहिए। यदि आपके घर में आंगन हो तो यह मध्यम में उंचा और चारों ओर नीचा होना चाहिए।