शाहरुख ने गत्र कृपाण पहनकर सिख धार्मिक भावनाओं का मजाक उड़ाया है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने फिल्म के मेकर्स के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई 30 नवम्बर को सुनिश्चित की है। शाहरुख की फिल्म जीरो भी रिलीज से पहले विवादों से जुड़ चुकी है। दिल्ली हाई कोर्ट के बाद अब बॉम्बे हाई कोर्ट में भी एक याचिका दायर की गई।
सिख कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन: याचिकाकर्ता अमृतपाल सिंह खालसा ने कहा है – यह हमारे धर्म का स्पष्ट रूप से मजाक है। मेकर्स हमारे विश्वास और धार्मिक भावनाओं को इस सीन से नुकसान पहुंचा रहा है। मुझे लगता है कि सिखों को अनुच्छेद 25 के तहत कृपाण पहनने और ले जाने का विशेषाधिकार दिया जाता है। इसलिए वह स्पष्ट रूप से अनुच्छेद 25 का उल्लंघन कर रहे हैं।
ये है विवाद की वजह : दरअसल, फिल्म के पोस्टर और ट्रेलर के एक सीन में शाहरुख को कृपाण पहने दिखाया गया है। इस सीन पर आपत्ति जताते हुए मनजिंदर ने सोशल मीडिया पर लिखा है- कृपाण को साधारण चाकू की तरह इस्तेमाल कर शाहरुख ने जो सिख ककार को छोटा दिखाया है और हमारी भावनाएं आहत की हैं, इसके लिए उन पर लानत है।
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हम एक्शन लेंगे : मनजिंदर ने आगे कहा – कृपाण सिर्फ खालसा (सच्चे इंसान) द्वारा पहनी जाती है। मेरी शाहरुख और फिल्म की प्रोड्यूसर गौरी खान से डिमांड है कि वे तुरंत पोस्टर और सीन फिल्म से बाहर करें। अगर ऐसा नहीं किया गया तो हमें फिल्म की टीम के खिलाफ लीगल एक्शन लेना पड़ेगा।
सिरसा की मानें तो गत्र कृपाण सिर्फ अमृतधारी सिख ही पहन सकता है। FIR में सिरसा ने डिमांड की है कि बिना किसी देरी के ट्रेलर में गत्र कृपाण को दिखाना बंद किया जाए।