
आपने अगर महेन्द्र सिंह धौनी पर बनी बायोपिक ‘धौनी-ए अनटोल्ड स्टोरी’ देखी है, तो आपको वो सरदार दोस्त जरूर याद होगा, जिसने संघर्ष के हर दिन धौनी का साथ दिया। चाहे मैचेज के दौरान रेलवे प्लेटफॉर्म तक छोड़कर आना हो या स्पोंसरशिप दिलाने में जी जान लगा देना।
वर्ल्ड कप के दौरान स्टार क्रिकेटर्स के इर्द गिर्द की अनटोल्ड स्टोरीज को आप तक पहुंचाने के लिए जागरण डॉट कॉम टीम पहुंची उनके होम टाउन। झारखंड की राजधानी रांची के व्यस्त बाजार में एक छोटी सी स्पोर्ट्स शॉप, प्राइम स्पोर्ट्स ठीक वैसी ही, जैसी फिल्म में नजर आ रही थी। दुकान के पीछे शोकेस में कुछ बैट्स रखे थे, जिन पर धौनी और पूरी टीम इंडिया के ऑटोग्राफ थे। परमजीत सिंह इसे दोस्ती का सबसे बड़ा तोहफा मानते हैं।
परमजीत खुद क्रिकेटर हैं। धौनी उनके जूनियर थे। शुरुआती दिनों में ही परमजीत को एहसास हो गया था, ये लड़का जरूर कुछ करेगा। यही कारण था कि जब जहां कोई अड़चन आई, परमजीत दोस्त, बड़े भाई के रूप में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे। बाद में परमजीत ने दुकान खोल ली और क्रिकेट छूट गया। लेकिन माही की बैटिंग देखने जाते रहे। अब जब पिछले दो दशक में माही स्टार क्रिकेटर साबित हुए, कभी स्टेडियम मैच देखने नहीं गए, दुकान पर लगे टीवी पर ही टकटकी लगी रहती है।
परमजीत ही वो शख्स हैं जिन्होंने धौनी को पहली बार स्पोंसरशिप दिलाई थी। क्रिकेट बैट बनाने वाली बास कंपनी में बैट्स लेने के लिए परमजीत का जालंधर आना जाना होता था। उन्होंने धौनी के लिए बात की। छह महीने तक मामला खिंचा लेकिन फिर धौनी के लिए पूरा क्रिकेट किट, वहीं से आया। उसी से धौनी ने पाकिस्तान में ग्राउंड पर धूम मचाई। परमजीत टीम इंडिया के इस बार भी वर्ल्ड कप जीत कर लाने की दुआ करते हैं। उन्हें यकीन है कि माही के रहते ये जरूर हो पाएगा।
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