मध्य प्रदेश में 10 हार्सपावर तक की बिजली का उपयोग करने वाले किसानों का आधा बिजली बिल माफ होगा. अब इन किसानों को बिल की आधी रकम ही जमा करना होगी. किसानों के बकाया का ब्योरा सरकार ने पॉवर मैनेजमेंट कंपनी से मांगा है. राज्य के ऊर्जा विभाग की ओर से पॉवर मैंनेजमेंट कंपनी के संचालक को बुधवार को लिखे पत्र में कहा गया है कि मंत्रि-परिषद के प्रस्ताव की मंजूरी के लिए वित्त विभाग ने ऊर्जा विभाग से कृषि उपभोक्ताओं के संदर्भ में जानकारी मांगी है. वहीं दूसरी ओर ऊर्जा विभाग ने विद्युत कंपनियों से किसानों के बिल का ब्यौरा मांगा है.
सूत्रों के अनुसार, ऊर्जा विभाग ने पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी और मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी से 10 हार्सपॉवर तक के कृषि उपभोक्ताओं के बकाया की दिसंबर 2018 तक की स्थिति का ब्यौरा मांगा है. इसके बाद ही किसानों का आधा बिल माफ किया जाएगा. ज्ञात हो कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान किसानों से बिजली बिल आधा करने का वचन दिया था. उसी वचन को पूरा करने के लिए सरकार ने यह प्रक्रिया अपनाई है.
बता दें इससे पहले मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के किसानों के कर्जमाफी की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी, लेकिन इसमें सरकार को कई शिकायतों का सामना करना पड़ा था. कई किसानों ने शिकायत की थी कि उन्होंने कर्ज नहीं लिया है, लेकिन फिर भी उनका नाम कर्जदारों की लिस्ट में शामिल है. वहीं कई किसानों ने दावा किया था कि किसी का 10 तो किसी का 15 रुपये कर्ज माफ किया गया है.
जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी प्रदेश की वर्तमान सरकार पर निशाना साधा था और कहा था कि आधी-अधूरी कर्ज माफी की घोषणा राज्य के किसानों के साथ घोर अन्याय है. चौहान ने ट्विटर पर लिखा, ’31 मार्च 2018 तक का टाइम बैरियर लगाकर, छन्नी लगा कर आधी-अधूरी कर्ज माफी की घोषणा मेरे प्रदेश के किसान भाइयों-बहनों के साथ घोर अन्याय है.’