रिलायंस इंडस्ट्रीज के स्वामित्व वाली जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड में अमेरिकी निजी इक्विटी कंपनी केकेआर 11,367 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
देश की बड़ी डिजिटल सर्विसेज प्लेटफॉर्म रिलायंस इंडस्ट्रीज और जियो प्लेटफॉर्म्स ने शुक्रवार को इस सौदे की घोषणा की। केकेआर जियो प्लेटफॉर्म्स में 2.32 प्रतिशत की हिस्सेदारी के लिए 11,367 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
किसी भी एशियाई कंपनी में यह केकेआर का सबसे बड़ा निवेश है। जियो प्लेटफॉर्म्स की इक्विटी वैल्यू 4.91 लाख करोड़ रुपये और एंटरप्राइज वैल्यू 5.16 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है।
इस हिस्सेदारी के साथ ही जियो ने पिछले एक महीने में निवेश के जरिए करीब 78,562 करोड़ रुपये प्राप्त किए हैं। यह एक महीने के अंदर रिलायंस की पांचवी डील है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, ‘दुनिया के सबसे सम्मानित वित्तीय निवेशकों में से एक केकेआर का एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में स्वागत करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है।
केकेआर भारतीय डिजिटल इको सिस्टम में बदलाव की हमारी यात्रा का हमसफर बनेगा। यह सभी भारतीयों के लिए लाभप्रद होगा।
केकेआर , भारत में एक प्रमुख डिजिटल सोसाइटी के निर्माण के हमारे महत्वाकांक्षी लक्ष्य को साझा करता है। एक महत्वपूर्ण भागीदार होने का केकेआर का ट्रैक रिकॉर्ड शानदार है।
हम जियो को आगे बढ़ाने के लिए केकेआर के वैश्विक प्लेटफॉर्म, इंडस्ट्री की जानकारियां और परिचालन विशेषज्ञता का लाभ उठाने की उम्मीद करते हैं।’
केकेआर के सह-संस्थापक हेनरी क्राविस ने कहा, ‘देश के डिजिटल इको सिस्टम को बदलने की ऐसी क्षमता कुछ कंपनियों के पास ही होती है जैसा की जियो प्लेटफॉर्म्स के पास है।
यह एक सच्चा स्वदेशी प्लेटफॉर्म है जो भारत में डिजिटल क्रांति कर रहा है और इसके पास देश को प्रौद्योगिकी समाधान और सेवाएं देने की बेजोड़ क्षमता है।
हम जियो प्लेटफॉर्म्स की प्रभावशाली गति, विश्व स्तरीय इनोवेशन और मजबूत नेतृत्व टीम के कारण निवेश कर रहे हैं। इस निवेश को हम भारत और एशिया प्रशांत में अग्रणी प्रौद्योगिकी कंपनियों के समर्थन के लिए केकेआर की प्रतिबद्धता के रूप में देखते हैं।’
17 मई को जनरल अटलांटिक ने आरआईएल के रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स में 6,598.38 करोड़ रुपये का निवेश किया था। यह एशिया में जनरल अटलांटिक का सबसे बड़ा निवेश है। निवेश आरआईएल की 1.34 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है। इससे पहले जनरल अटलांटिक उबर टेक्नोलॉजी में भी निवेश किया है।
पहले निजी इक्विटी फर्म विस्टा इक्विटी पार्टनर्स ने रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स में 2.32 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ 11,367 करोड़ रुपये का निवेश करने की बात कही थी। इस संदर्भ में रिलायंस ने कहा कि यह निवेश 4.91 लाख करोड़ के इक्विटी मूल्य और 5.16 लाख करोड़ के उद्यम मूल्य के साथ जियो प्लेटफॉर्म्स के साथ किया गया है।
इस बारे में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा कि, ‘मैं खुशी से विस्टा का स्वागत करता हूं। यह एक मूल्यवान सहयोगी और वैश्विक प्रौद्योगिकी निवेशकों में से एक है। हमारे अन्य निवेशकों की तरह विस्टा भी हमारे भारतीय डिजिटल ढांचे को लगातार बढ़ाने और बदलने के दृष्टिकोण को साझा करती है जो सभी भारतीयों के लिए लाभकारी होगा।’
जियो प्लेटफॉर्म्स में 4 मई 2020 को सिल्वर लेक कंपनी ने 5655.75 करोड़ रुपये निवेश करने की घोषणा की। सिल्वर लेक को इस निवेश के बदले लगभग 1.15 फीसदी इक्विटी हासिल होगी। सिल्वर लेक के निवेश में जियो प्लेटफॉर्म्स की इक्विटी वैल्यू 4.90 लाख करोड़ आंकी गई है। यह फेसबुक की लगाई गई वैल्यू से 12.5 फीसदी अधिक है।
सोशल मीडिया क्षेत्र की दिग्गज अमेरिकी कंपनी फेसबुक ने 22 अप्रैल 2020 को मुकेश अंबानी के नेतृव वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह की कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड में 9.99 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए 5.7 अरब डॉलर (43,574 करोड़ रुपये) निवेश का करार किया था। फेसबुक और जियो के बीच इस डील को भारत के टेक्नोलॉजी सेक्टर में अब तक का सबसे बड़ा विदेशी निवेश कहा जा रहा है। इस निवेश के बाद जियो भारत की 5 सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनियों में से एक बन गई है।